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नया कानून आने पर बिजली वितरण में नहीं चलेगी कंपनियों की मनमानी

डिस्कॉम पर बढ़े जुर्माने का प्रावधान एक अप्रैल, 2019 से लागू होगा

By Surbhi JainEdited By: Published: Thu, 25 Jan 2018 11:36 AM (IST)Updated: Thu, 25 Jan 2018 12:20 PM (IST)
नया कानून आने पर बिजली वितरण में नहीं चलेगी कंपनियों की मनमानी
नया कानून आने पर बिजली वितरण में नहीं चलेगी कंपनियों की मनमानी

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बिजली वितरण इकाइयों यानी डिस्कॉम की मनमानी और अनियमितताओं पर लगाम लगाने की तैयारी चल रही है। सरकार आगामी बजट सत्र में बिजली संशोधन विधेयक लाने वाली है। इसमें बिना शेड्यूल बिजली काटने पर भारी-भरकम जुर्माना लगाने और हर पांच साल में लाइसेंस रिन्यू कराने जैसे प्रावधान होंगे।

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वर्तमान व्यवस्था में डिस्कॉम को लाइफटाइम लाइसेंस मिलता है। साथ ही बिना शेड्यूल के बिजली कटौती पर 1,000 रुपये के मामूली जुर्माने का प्रावधान है। हालांकि, ऐसे जुर्माने लगाने के मामले बमुश्किल ही कभी सामने आते हैं। ई-मोबिलिटी पर आयोजित एक कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने पहुंचे ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने पत्रकारों से यह जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि संशोधन विधेयक में उपभोक्ता को नया बिजली कनेक्शन देने में लगने वाले समय को भी घटाकर एक हफ्ते किया गया है।

अभी इसके लिए एक महीने का वक्त दिया जाता है। डिस्कॉम पर बढ़े जुर्माने का प्रावधान एक अप्रैल, 2019 से लागू होगा। पात्र लोगों को बिजली सब्सिडी सीधे खाते में देने के लिए भी कानून में जरूरी बदलाव किए जाएंगे।

मंत्री ने क्रॉस सब्सिडी की व्यवस्था खत्म करने की भी वकालत की है। इस व्यवस्था में कमर्शियल कनेक्शन वालों से बिजली की ज्यादा दरें वसूली जाती हैं, ताकि घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर बिजली दी जा सके। इस व्यवस्था पर सिंह ने कहा, ‘यह पूरी तरह कानून के खिलाफ है कि एक उपभोक्ता को सब्सिडी देने के लिए दूसरे से ज्यादा वसूला जाए। अगर सरकार किसी को सब्सिडी देना चाहती है, तो सीधे उसके खाते में भेजे। हम ऐसी स्थिति का समर्थन नहीं कर सकते, जिसमें किसी को 11 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिल भरना पड़े।’

मंत्री का इशारा वाणिज्यिक एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं से वसूली जाने वाली दर की ओर था। उन्होंने कहा कि ज्यादा दरें देश को पीछे धकेल रही हैं। यह मेक इन इंडिया पहल के खिलाफ भी है। संशोधन विधेयक में ऑपरेटर पोर्टबिलिटी का प्रावधान भी है। टेलीकॉम कंपनियों की तर्ज पर ग्राहक बिजली कनेक्शन के लिए भी पसंदीदा कंपनी चुन सकेंगे।


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