Govt Gross Liabilities: सरकार की सकल देनदारियां दिसंबर अंत तक बढ़कर 160.69 लाख करोड़
रिपोर्ट में कहा गया है कि एक वर्ष से कम समय में परिपक्व होने वाली प्रतिभूतियों (दिनांकित प्रतिभूतियों) का अनुपात दिसंबर 2023 के अंत में 4.1 प्रतिशत (सितंबर 2023 के अंत में 4.6 प्रतिशत) रहा। दिसंबर 2023 के अंत में एक से पांच साल के भीतर परिपक्व होने वाले प्रतिभूतियों का अनुपात 21.8 प्रतिशत था जो सितंबर 2023 के अंत के 23 प्रतिशत से कम है।
पीटीआई, नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि सरकार की कुल देनदारी दिसंबर, 2023 को समाप्त तिमाही में मामूली बढ़कर 160.69 लाख करोड़ रुपये रही। यह सितंबर के अंत में 157.84 लाख करोड़ रुपये थी। सार्वजनिक ऋण प्रंबंधन पर तिमाही रिपोर्ट (अक्टूबर-दिसंबर 2023) के अनुसार, तिमाही आधार पर कुल देनदारी में 1.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान सार्वजनिक ऋण कुल सकल देनदारियों का 90 प्रतिशत था।
रिपोर्ट में कहा गया है, ''तिमाही के दौरान, घरेलू बांड पर प्रतिफल शुरू में बढ़ा लेकिन कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, अक्टूबर और नवंबर के लिए उम्मीद से कम उपभोक्ता मूल्य सूचकांक और भारतीय सरकारी बांड के वैश्विक उभरते बाजार सूचकांक में शामिल होने की संभावना की खबर से इसमें नरमी आई।''
रिपोर्ट में कहा गया है कि एक वर्ष से कम समय में परिपक्व होने वाली प्रतिभूतियों (दिनांकित प्रतिभूतियों) का अनुपात दिसंबर, 2023 के अंत में 4.1 प्रतिशत (सितंबर 2023 के अंत में 4.6 प्रतिशत) रहा। दिसंबर, 2023 के अंत में एक से पांच साल के भीतर परिपक्व होने वाले प्रतिभूतियों का अनुपात 21.8 प्रतिशत था, जो सितंबर, 2023 के अंत के 23 प्रतिशत से कम है।
अगले पांच साल में परिपक्व होने वाला बांड दिसंबर, 2023 के अंत में कुल बकाया ऋण का 25.9 प्रतिशत हो गया। यह औसतन बकाये का 5.2 प्रतिशत है। ऐसे में अगले पांच वर्षों में हर साल 5.2 प्रतिशत चुकाने की जरूरत होगी।