अप्रैल में GST संग्रह का आंकड़ा नहीं हुआ जारी, सरकार रिटर्न भरने की बढ़ी हुई मियाद तक करेगी वेट
कोविड-19 की वजह से उपजी परिस्थितियों में सरकार ने कलेक्शन के आंकड़े जारी करने से पहले बढ़ी हुई समयसीमा तक इंतजार करने का निर्णय किया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार ने अप्रैल में माल एवं सेवा कर (GST) संग्रह से जुड़े आंकड़े को शुक्रवार को जारी नहीं किया। सरकार ने फिलहाल के लिए इसे टाल दिया है। सूत्रों ने बताया कि देशभर में लागू लॉकडाउन और जीएसटी रिटर्न फाइल करने की समयसीमा आगे बढ़ाए जाने के कारण अप्रैल में जीएसटी कलेक्शन बहुत कम हुआ है। सरकार ने मार्च में पांच करोड़ रुपये से अधिक के टर्नओवर वाले बिजनेसेज के लिए जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिए अतिरिक्त 15 दिन का समय देने का एलान किया था। मार्च के लेनदेन का जीएसटी रिटर्न 20 अप्रैल तक भरा जा सकता था। इसकी समयसीमा को बढ़ाकर सरकार ने पांच मई किया था। इसका मतलब है कि पांच मई तक कारोबारियों को किसी तरह का विलंब शुल्क, ब्याज या जुर्माना देने की जरूरत नहीं है। हालांकि, पांच मई से 30 जून तक रिटर्न भरने पर कारोबारियों को नौ फीसद की रियायती दर से ब्याज का भुगतान करना होगा।
अभी तक चली आ रही परंपरा के मुताबिक सरकार किसी एक महीने में संग्रहित नकदी के आधार पर जीएसटी कलेक्शन से जुड़े आंकड़े जारी करती है। एक सूत्र ने बताया कि कोविड-19 की वजह से उपजी परिस्थितियों में सरकार ने कलेक्शन के आंकड़े जारी करने से पहले बढ़ी हुई समयसीमा तक इंतजार करने का निर्णय किया है।
सूत्रों ने कहा कि कोरोनावायरस की वजह से उत्पन्न 'अभूतपूर्व परिस्थितियों' के कारण अप्रैल के जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े को टालने का फैसला किया गया है। इस आंकड़े को जारी करने के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं की गई है।
सूत्र के मुताबिक सरकार को उम्मीद है कि पांच मई तक और रिटर्न दाखिल किए जाएंगे। उसने कहा कि इस समयसीमा को बढ़ाए जाने को लेकर भी फैसला लिया जाना है। वित्त वर्ष 2019-20 की बात की जाए तो 12 में सात महीनों में जीएसटी कलेक्शन का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपये के ऊपर गया। इस साल मार्च में सरकार को जीएसटी से 97,597 करोड़ रुपये की आमदनी हुई।
एक अन्य सूत्र के मुताबिक अप्रैल में कम टैक्स कलेक्शन भी डेटा रिलीज करने की तारीख को टाले जाने की वजह हो सकता है।