जल्दबाजी में विदेश व्यापार समझौते नहीं करेगी सरकार, गैर जरूरी आयात से घरेलू उद्योगों को संरक्षित करने की तैयारी
उद्योग सरकार को बताये कि कहां दिक्कत है उस पर तत्काल कार्यवाही की जाएगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार ने घरेलू उद्योगों को भरोसा दिया है कि उनके हितों के विपरीत जाकर विदेश व्यापार समझौते नहीं किये जाएंगे। सरकार अन्य देशों या देशों के समूहों के साथ मुक्त व्यापार समझौते करने की जल्दबाजी में नहीं है। गोयल ने कहा कि बढ़ते आयात से घरेलू उद्योगों को जब भी परेशानी होगी सरकार उसके लिए तत्काल कदम उठाएगी। पिछले महीने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंकाक में भारत की चिंताओं को नजरअंदाज करने के मसले पर आरसेप में शामिल होने से इनकार कर दिया था।
सरकार का मानना था कि मौजूदा परिस्थितियों में आरसेप भारतीय उद्योग के हितों के पक्ष में नहीं जाता। सीआइआइ की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में गोयल ने कहा कि भारत ने राष्ट्र हित में यह सख्त फैसला लिया। उन्होंने कहा कि सरकार के दरवाजे उद्योग के लिए हमेशा खुले हैं और किसी भी तरह की परेशानी महसूस होने पर उद्योग की मदद के लिए वे तैयार हैं। बढ़ते आयात से घरेलू उद्योगों को हो रहे नुकसान पर गोयल ने कहा कि सरकार के पास ऐसे कई उपाय हैं जिनसे गैर जरूरी आयात को सीमित किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए पहल उद्योग की तरफ से होनी चाहिए। उद्योग सरकार को बताये कि कहां दिक्कत है, उस पर तत्काल कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार और उद्योगों के बीच संवाद लगातार बना रहना चाहिए।गौरतलब है कि वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने उद्योगों के साथ बातचीत का सिलसिला पिछले कुछ समय से फिर शुरू किया है। गोयल इस बीच कई कंपनियों से मुलाकात कर चुके हैं। इन बैठकों में देश में मांग की स्थिति में सुधार करने के उपायों पर चर्चा हुई है। बैठकों में अब तक हिंदुस्तान यूनिलीवर से लेकर मारुति सुजुकी जैसी कंपनियां हिस्सा ले चुकी हैं। इन कंपनियों ने अपने अपने क्षेत्र से संबंधित दिक्कते वाणिज्य व उद्योग मंत्री के समक्ष रखी हैं जिनका निदान तलाशने का काम किया जा रहा है।
मंगलवार को सीआइआइ के कार्यक्रम में वाणिज्य व उद्योग मंत्री ने निर्यातक समुदाय को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय निर्यातकों को कई देशों में व्यापार प्रतिबंधों से गुजरना पड़ता है। ऐसा बीते समय में हुए व्यापार समझौतों की वजह से भी हो रहा है। गोयल ने निर्यातकों को भरोसा दिया कि भविष्य में होने वाले किसी भी मुक्त व्यापार समझौते को करने में जल्दबाजी नहीं बरती जाएगी।