पेट्रोल-डीजल की कीमतों से आम आदमी परेशान, इन तरीकों से राहत दे सकती है सरकार
पेट्रोलियम पदार्थों पर जीएसटी लगाकर सरकार बढ़ती कीमतों से थोड़ी राहत दे सकती है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पेट्रोल एवं डीजल की कीमतें बेशक बीते 7 दिनों से कम हो रही हों, लेकिन आम आदमी को अब भी राहत नहीं मिली है। दिल्ली में अब भी पेट्रोल की कीमत 78 रुपये के करीब है। आज दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल के कीमत 77.83 रुपये प्रति लीटर रही है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच खबर आई थी कि सरकार इसका दीर्घकालीन समाधान तलाश रही है। ऐसे में हम अपनी खबर में आपको कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं जिन्हें अपना कर सरकार पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों से आम आदमी को थोड़ी राहत दे सकती हैं। हम अपनी इस खबर में आपको जिन तरीकों के बारे में बता रहे हैं वो सिर्फ सुझाव भर हैं।
ईंधन पर जीएसटी लगाकर: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने के बाद से ही लगातार यह मांग जोर पकड़ रही है कि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए। हालांकि सरकार भी कई बार इस बात को दोहरा चुकी है कि वह पेट्रोल एवं डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहती है, हालांकि इस पर फैसला राज्यों की सहमति के बिना नहीं होगा। बीते हफ्ते रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बारे में बात करते हुए कहा था कि राज्य सरकारों ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाए जाने पर सहमति नहीं दी है। इसी बीच पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तेल कंपनियों से कीमतों में कमी के तरीके तलाशने को भी कहा है। पेट्रोल और डीजल फिलहाल जीएसटी के बाहर हैं और एक लीटर पेट्रोल की कीमत में आधे से ज्यादा टैक्स है (केंद्र एवं राज्य सरकारों का) ऐसे में अगर इसे जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो जाहिर तौर पर इस पर लगने वाला टैक्स कम हो जाएगा जो कीमतों को भी कम कर देगा।
विंडफॉल टैक्स: पिछले कुछ समय में क्रूड ऑयल की कीमतें रिकॉर्ड स्तर तक पहुंची है। इससे तेल कंपनियों को काफी फायदा हुआ है। देश में 20 फीसद क्रूड ऑयल सप्लाई करने वाली कंपनी ONGC को इन कीमतों की वजह से विंडफॉल गेन हुआ है। इसे देखते हुए कंपनी को कम दामों पर रिटेलर्स को तेल बेचने के लिए कहा जा सकता है। ऐसा होने पर रिटेलर्स के पास सस्ती कीमतों में तेल पहुंचेगा, जिसका फायदा आम लोगों को भी मिलेगा। हाल ही में यह खबर भी आई थी कि सरकार महंगे पेट्रोल एवं डीजल से राहत देने के लिए ONGC और इंडियन ऑयल जैसी कंपनियों पर विंडफॉल टैक्स लगा सकती है।
क्रूड डिस्काउंट: पेट्रोलियम निर्यात करने वाले देशों का संगठन ओपेक एशियाई देशों को महंगा तेल बेचता है। इसे 'एशियन प्रीमियम' कहा जाता है। इसके तहत भारत समेत अन्य एशियाई देशों को पश्चिमी देशों के मुकाबले उच्च दरों पर तेल मिलता है। भारत कुछ समय से अन्य देशों को अपनी तरफ लाने की कोशिश में है ताकि तेल की कीमतों पर छूट मिल सके। अगर ऐसा होता है तो सरकार के लिए ये बड़ी राहत होगी। इससे आम आदमी को भी फायदा होगा।