सरकार ने जारी किये अप्रैल महीने के थोक महंगाई के आंशिक आंकड़े, ईंधन और बिजली में आया 10.12 फीसद का संकुचन
अप्रैल महीने में थोक मूल्य सूचकांक में ईंधन और बिजली की बात करें तो इनमें 10.12 फीसद का संकुचन दर्ज किया गया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार ने गुरुवार को अप्रैल महीने के लिए थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति के आंशिक आंकड़ें जारी किये हैं। सरकार द्वारा कहा गया कि अप्रैल महीने में कोरोना वायरस प्रकोप के कारण लॉकडाउन के चलते उत्पादों का सीमित लेन-देन हुआ है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल महीने में प्राथमिक वस्तुओं में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) में 0.79 फीसद की अपस्फीति (संकुचन) रही। जबकि मार्च में 3.27 फीसद की मुद्रास्फीति थी। अप्रैल महीने में थोक मूल्य सूचकांक में ईंधन और बिजली की बात करें, तो इनमें 10.12 फीसद का संकुचन दर्ज किया गया है। जबकि पिछले महीने में 1.76 फीसद संकुचन देखा गया था।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, 'कोरोना वायरस प्रकोप के कारण अप्रैल 2020 में थोक बाजार में उत्पादों के सीमित लेनदेन के कारण WPI के चुनिंदा उपसमूहों/समूहों के ही प्राइस मूवमेंट को जारी करने का निर्णय लिया गया है।' बयान में कहा गया कि निर्मित उत्पाद समूह इंडेक्स की उपलब्धता नहीं होने के कारण अप्रैल 2020 के लिए सभी कमोडिटीज की WPI गणना नहीं हो सकती है।
बयान में कहा गया कि कृषि उत्पादों की मंडी की कीमतों के आधार पर प्राथमिक वस्तुओं के मूल्य सूचकांकों की गणना की गई है। ईंधन और बिजली जैसे प्रमुख समूहों के मूल्य सूचकांकों की गणना पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, चयनित सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों और कोयला नियंत्रक व केंद्रीय विधुत प्राधिकरण के कार्यालयों से लिये गए मूल्य आंकड़ों के आधार पर की गई है। अप्रैल 2020 के लिए इन दो प्रमुख समूहों (प्राथमिक वस्तुओं और ईंधन व बिजली) के मूल्य सूचकांक मानक प्रकियाओं के साथ जारी किये गए हैं।
निर्मित उत्पादों में मुद्रास्फीति के आंकड़ों के बारे में मंत्रालय ने कहा कि सरकार द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण 19 मार्च से ही निर्मित उत्पादों के मूल्य संग्रहण का काम रुका हुआ है।
अपस्फीति क्या है?
अर्थशास्त्र में अपस्फीति वस्तुओं एवं सेवाओं के सामान्य मूल्य स्तर में गिरावट को दर्शाती है। अपस्फीति तब होती है, जब मुद्रास्फीति की दर शून्य से नीचे (नकारात्मक मुद्रास्फीति दर) आ जाती है। अपस्फीति, अवस्फीति से अलग है। अवस्फीति मुद्रास्फीति में सुस्ती को दर्शाती है। अर्थात इसमें मुद्रास्फीति दर कम होती है, लेकिन सकारात्मक रहती है।