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Labour codes को लागू करने की तैयारी में सरकार, घटेगी कर्मचारियों की इन-हैंड सैलरी, PF में होगा इजाफा

Labour codes नए वेज कोड (wages code) के अंतर्गत सभी भत्ते कुल वेतन के 50 फीसद से अधिक नहीं हो सकते हैं। इससे कर्मचारी की बेसिक सैलरी कुल वेतन का 50 फीसद हो जाएगी। वहीं कर्मचारी और कंपनी दोनों का ही पीएफ योगदान (PF Contribution) बढ़ जाएगा।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sun, 06 Jun 2021 03:05 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jun 2021 07:34 AM (IST)
Labour codes को लागू करने की तैयारी में सरकार, घटेगी कर्मचारियों की इन-हैंड सैलरी, PF में होगा इजाफा
Labour codes ( P C : Pixabay )

नई दिल्ली, पीटीआइ। आने वाले कुछ महीनों में चारों श्रम संहिताएं (Labour codes) लागू हो जाने की संभावना है। केंद्र सरकार इन लेबर कोड्स को अमली जामा पहनाने की तैयारी कर रही है। इन संहिताओं के लागू होने से कर्मचारियों का इन-हैंड वेतन घट जाएगा। साथ ही कंपनियों को कर्मचारियों के पीएफ फंड में अधिक योगदान करना पड़ेगा। इन कानूनों के लागू होने से कर्मचारियों की बेसिक सैलरी, भत्तों और पीएफ योगदान की गणना में बड़ा बदलाव आएगा।

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इन 4 लेबर कोड्स में वेतन/मजदूरी संहिता, औद्योगिक संबंधों पर संहिता, काम विशेष से जुड़ी सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यस्थल की दशाओं (OSH) पर संहिता और सामाजिक व व्यावसायिक सुरक्षा संहिता शामिल हैं। श्रम मंत्रालय ने पहले इन लेबर कोड्स को नए वित्त वर्ष अर्थात एक अप्रैल 2021 से लागू करने की परिकल्पना की थी। लेकिन फिर इसे टाल दिया गया, जिससे नियोक्ताओं को नए वेज कोड के अनुसार, अपने कर्मचारियों की सैलरी का पुनर्गठन करने के लिए अधिक समय मिल गया।

मंत्रालय ने इन चारों संहिताओं के तहत नियमों को अंतिम रूप भी दे दिया था। लेकिन इनका क्रियान्वयन नहीं हो सका, क्योंकि कई राज्य अपने यहां संहिताओं के तहत इन नियमों को लागू करने की स्थिति में नहीं थे। यहां बता दें कि भारत के संविधान के तहत श्रम एक समवर्ती विषय है। इसका मतलब यह है कि इन चारों संहिताओं के तहत केंद्र व राज्य दोनों को इन नियमों को अधिसूचित करना होगा, तभी संबंधित राज्यों में ये कानून प्रभावी होंगे।

न्यूज एजेंसी पीटीआइ को एक सूत्र ने बताया, ‘‘कई प्रमुख राज्यों ने इन चारों लेबर कोड्स के तहत नियमों को अंतिम रूप नहीं दिया है। कुछ राज्य इन कानूनों के क्रियान्वयन के लिए नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं। केंद्र सरकार सदैव इस बात का इंतजार नहीं कर सकती कि राज्य सरकारें इन नियमों को अंतिम रूप दें। ऐसे में केंद्र सरकार की एक-दो महीने में इन कानूनों के क्रियान्वयन की योजना है, क्योंकि कंपनियों को भी नए कानूनों से तालमेल बैठाने के लिए कुछ समय देना होगा।"

नए वेज कोड (wages code) के अंतर्गत सभी भत्ते कुल वेतन के 50 फीसद से अधिक नहीं हो सकते हैं। इससे कर्मचारी की बेसिक सैलरी कुल वेतन का 50 फीसद हो जाएगी। वहीं, कर्मचारी और कंपनी दोनों का ही पीएफ योगदान (PF Contribution) बढ़ जाएगा। साथ ही ग्रेच्युटी की रकम भी बढ़ जाएगी। इसका सीधा मतलब है कि कर्मचारी की बचत बढ़ जाएगी। हालांकि, कर्मचारी की इन-हैंड सैलरी घट जाएगी।


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