एयर इंडिया को उबारने के लिए होटल बेचने की तैयारी
इस समय होटल कॉरपोरेशन करीब 55 करोड़ रुपये के घाटे में चल रहा है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। एयर इंडिया का रणनीतिक विनिवेश नहीं हो पाने के बाद अब सरकार फिलहाल उसकी घाटे वाली इकाइयों को बेचने की तैयारी कर रही है। इनमें होटल कॉरपोरेशन का नंबर सबसे पहले आ सकता है। होटल कॉरपोरेशन के होटल तथा कुछ अन्य संपत्तियां बेचकर एयर इंडिया अपनी कुछ देनदारियां चुकाएगी। दिल्ली में होटल कॉरपोरेशन का होटल सेंटॉर है। जबकि श्रीनगर में भी एक होटल है। इसके अलावा दिल्ली एयरपोर्ट पर एक लाउंज तथा मुंबई एयरपोर्ट पर फ्लाइट किचन है। इनमें तकरीबन 800 कर्मचारी काम करते हैं। बिक्री से पहले इन कर्मचारियों के भविष्य की सुरक्षा के इंतजाम किए जाएंगे।
इस समय होटल कॉरपोरेशन करीब 55 करोड़ रुपये के घाटे में चल रहा है। घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसलिए इसकी परिसंपत्तियों को बेचना ही मुफीद समझा जा रहा है। होटल कॉरपोरेशन का मुंबई स्थित सेंटॉर होटल पहले ही बेचा जा चुका है। इसे वाजपेयी सरकार के समय हुए विनिवेश के तहत सहारा समूह ने खरीदा था। एयर इंडिया के सूत्रों के मुताबिक दिल्ली एयरपोर्ट परिसर स्थित सेंटॉर होटल को बेचने की जरूरत इसलिए भी है कि यह उस स्थान पर स्थित है, जिसका इस्तेमाल एयरपोर्ट के विस्तार के तहत चौथे रनवे के निर्माण के लिए किया जाना है। जाहिर है दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स लिमिटेड (डायल) को इस जगह की जरूरत है। सेंटॉर की जमीन बेचकर एयर इंडिया डायल की देनदारी चुकाना चाहती है।
जम्मू एवं कश्मीर की राजधानी श्रीनगर स्थित होटल को जम्मू एवं कश्मीर सरकार को सौंपने पर इसलिए विचार किया जा रहा है, क्योंकि यह होटल राज्य सरकार की ही जमीन पर बना हुआ है। मुंबई एयरपोर्ट पर चल रहे फ्लाइट किचन को या तो एयर इंडिया स्वयं अधिग्रहीत कर लेगी अथवा इसे बंद कर दिया जाएगा। एयर इंडिया पर 55,000 करोड़ से अधिक के असाधारण कर्ज को देखते हुए सरकार ने 2017 में इसकी 76 फीसद इक्विटी के रणनीतिक विनिवेश का फैसला किया था। इसके तहत एयर इंडिया की पांच सब्सिडियरी कंपनियों एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (एआइईएसएल), एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (एआइएटीएसएल) को बेचा जाना था।