फर्नीचर के आयात पर सरकार लगा सकती है अंकुश, DGFT जारी कर सकता है अधिसूचना
डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड ने अपने वाणिज्य समकक्ष डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) को यह सुझाव दिया है। (Pic pixabay.com)
नई दिल्ली, पीटीआइ। जल्द ही सरकार फर्नीचर के आयात पर अंकुश लगा सकती है। एक अधिकारी ने इस संदर्भ में जानकारी देते हुए कहा कि घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने और इस गैर-जरूरी चीज के आयात को घटाने के लिए यह निर्णय लिया जा रहा है। डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड ने अपने वाणिज्य समकक्ष डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) को यह सुझाव दिया है। अधिकारी के अुनसार, उम्मीद की जा रही है कि DGFT जल्द ही इस संदर्भ में अधिसूचना जारी करेगा।
किसी प्रोडक्ट को प्रतिबंधित श्रेणी (रेस्ट्रिक्टेड कैटेगरी) में रखने का मतलब है कि किसी आयातक को आने वाला शिपमेंट पाने के लिए लाइसेंस या अनुमति की जरूरत होगी।
2018-19 में भारत का फर्नीचर आयात 60.30 करोड़ डॉलर का रहा था। इसमें से चीन से हुआ फर्नीचर आयात 31.10 करोड़ डॉलर का था। भारत में चीन के अलावा मलयेशिया, जर्मनी, इटली और सिंगापुर से फर्नीचर का आयात किया जाता है। चीन विभिन्न किस्म के फर्नीचर का विश्व में सबसे बड़ा निर्यातक है।
एक आकलन के अनुसार, भारत को किया गया चीन का निर्यात लगभग 1 अरब डॉलर का है। फर्नीचर सेक्टर में भारत की स्थिति कमजोर है क्योंकि एक तो यह असंगठित श्रेणी में है और दूसरा टुकड़ों में है। घरेलू फर्नीचर उद्योग का आकार लगभग 5 अरब डॉलर का है। यहां से लगभग 1.5 अरब डॉलर का निर्यात किया जाता है।
इसी महीने सरकार ने इसी तरह का प्रतिबंध रिफाइंड पाम ऑयल के आयात पर लगाया गया था। यह कदम मलयेशिया से होने वाले निर्यात को नियंत्रित करने के नजरिये से लगाया गया था।