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अमेरिका के साथ कारोबारी रिश्तों को लेकर नरम रुख के पक्ष में नहीं है सरकार

हाल ही में वाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु की अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों देशों के कारोबारी रिश्तों की खटास कम करने को लेकर बातचीत आगे बढ़ाने पर सहमति बनी थी

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 17 Jun 2018 12:43 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jun 2018 10:23 PM (IST)
अमेरिका के साथ कारोबारी रिश्तों को लेकर नरम रुख के पक्ष में नहीं है सरकार
अमेरिका के साथ कारोबारी रिश्तों को लेकर नरम रुख के पक्ष में नहीं है सरकार

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारत और अमेरिका के बीच कारोबारी रिश्तों को लेकर हो रही बातचीत में सरकार नरम रुख रखने के पक्ष में नहीं है। भारतीय बाजार की संभावनाओं और अमेरिका की तरफ से भारतीय उत्पादों पर शुल्क वृद्धि को देखते हुए दोनों देशों के अधिकारियों के बीच जल्द होने वाली बैठक में भारत सख्त रुख अपना सकता है। इस मुद्दे पर यूरोपीय देशों के साथ-साथ कुछ विकासशील देशों का समर्थन पाने की भी कोशिश की जा रही है।

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हाल ही में वाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु की अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों देशों के कारोबारी रिश्तों की खटास कम करने को लेकर बातचीत आगे बढ़ाने पर सहमति बनी थी। इसके लिए अधिकारी स्तर की वार्ता के आयोजन का प्रस्ताव भी रखा है जो इस महीने के आखिर या अगले महीने की शुरुआत में हो सकती है। सूत्र बताते हैं कि अमेरिका की तरफ से भारत के उत्पादों पर हो रही शुल्क वृद्धि को देखते हुए भारत इस बातचीत में अपना पक्ष मजबूती से रखने की तैयारी में है।

सूत्रों के मुताबिक सरकार अमेरिका के साथ कारोबारी रिश्तों को सामान्य बनाने को बातचीत के लिए तो तैयार है। लेकिन वह शुल्क वृद्धि के मामले में झुकने को भी तैयार नहीं है। यही वजह है कि सरकार ने ऐसे 30 उत्पादों की सूची पहले ही विश्व व्यापार संगठन को सौंप दी है जिसमें भारत के पास डब्ल्यूटीओ के दायरे में रहते हुए आयात शुल्क में और वृद्धि करने की गुंजाइश है।

इसके अतिरिक्त भारत कुछ विकासशील और यूरोपीय देशों के साथ बातचीत कर अमेरिका की शुल्क वृद्धि नीति के खिलाफ समर्थन जुटाने का भी प्रयास कर रहा है। ये सभी देश अमेरिका में अपने उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाने को लेकर चिंतित हैं। अधिकारिक स्तर की प्रस्तावित बातचीत में भारत की तरफ से इन देशों की चिंताओं को भी रखने की तैयारी है।

गौरतलब है कि अमेरिका ने मार्च में कुछ स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर आयात शुल्क में वृद्धि की थी। इससे भारतीय उत्पादों 24.10 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त ड्यूटी का बोझ पड़ रहा है। इसके जवाब में सरकार ने 30 अमेरिकी उत्पादों पर ड्यूटी बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। इससे पहले मई की शुरुआत में भी सरकार ने 20 उत्पादों पर आयात शुल्क में वृद्धि का प्रस्ताव डब्ल्यूटीओ को भेजा था। इस बार जिन 30 उत्पादों की सूची तैयार की गई है उन पर 10 से 100 फीसद शुल्क वृद्धि का प्रस्ताव है। इससे शुल्क का उतना ही भार पड़ेगा जितना भार भारतीय उत्पादों पर पड़ रहा है। भारत हर साल करीब डेढ़ अरब डॉलर के स्टील व एल्युमीनियम उत्पादों का निर्यात करता है। हालांकि भारत से अमेरिका को 2016-17 में कुल 42.21 अरब डालर निर्यात का किया गया था।


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