सरकार ने शहरों में गैस आपूर्ति करने वाली कंपनियों की सप्लाई बढ़ाई, पहले के आदेश में किया संशोधन
अधिकारियों ने कहा कि गैस वितरक कंपनियों ने उच्च कीमत पर आयातित एलएनजी की व्यवस्था को लेकर शिकायत की थी। उनका कहना था कि इसके कारण सीएनजी और पाइप वाली रसोई गैस के दाम बार-बार बढ़ रहे हैं।
नई दिल्ली, एजेंसी। सरकार ने सीएनजी और पाइप वाली रसोई गैस (PNG) के मूल्यों में कमी लाने के लिए बुधवार को प्राकृतिक गैस की कुछ मात्रा उद्योगों से लेकर शहर गैस वितरण कंपनियों को आवंटित की। पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा कि शहर में गैस वितरकों को घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस का आवंटन बढ़ाने के लिए पहले के आदेश में संशोधन किया गया है। यह जानकारी समाचार एजेंसी पीटीआई ने दी।
अब तक करीब 83 प्रतिशत मांग इसके जरिए की जाती थी पूरी
मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली की इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड और मुंबई की महानगर गैस लिमिटेड जैसी शहरों में गैस वितरण करने वाली कंपनियों के लिए आवंटन 1.75 करोड़ घन मीटर प्रतिदिन से बढ़ाकर 2.078 करोड़ घन मीटर कर दिया गया है। बढ़ा हुआ आवंटन देश में पाइप के जरिये रसोई गैस और वाहनों के लिए सीएनजी आपूर्ति की 94 प्रतिशत मांग को पूरा करेगा। अब तक करीब 83 प्रतिशत मांग इसके जरिए पूरी की जाती थी। शेष की आपूर्ति गेल द्वारा एलएनजी के आयात के जरिये पूरी की जाती थी।
नए संशोधन के बाद घटकर 7.5 डालर प्रति यूनिट पर आ जाएगी गैस की कीमत
अधिकारियों ने कहा कि गैस वितरक कंपनियों ने उच्च कीमत पर आयातित एलएनजी की व्यवस्था को लेकर शिकायत की थी। उनका कहना था कि इसके कारण सीएनजी और पाइप वाली रसोई गैस के दाम बार-बार बढ़ रहे हैं। पहले की व्यवस्था के तहत गेल एलएनजी के साथ घरेलू स्तर पर उपलब्ध गैस की औसत कीमत के आधार पर उसकी आपूर्ति करती थी। इससे मौजूदा माह के लिए कीमत 10.58 डालर प्रति यूनिट होती है। नए संशोधन के बाद गैस की कीमत घटकर 7.5 डालर प्रति यूनिट पर आ जाएगी। गेल एलपीजी और पेट्रोरसायन संयंत्रों को आवंटन कम कर शहरों में गैस वितरकों को आपूर्ति बढ़ाएगी।
यह भी पढ़ें : Domestic Airfares: एक सितंबर से एयरलाइंस अपने हिसाब से तय कर सकेंगी किराया, मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताई वजह