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सरकार ने BPCL का विनिवेश फिलहाल टाला, 53% हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव को लिया वापस

सरकार ने बीपीसीएल में अपनी 53 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव को वापस लेने का फैसला किया है। सरकार का कहना है कि ज्यादातर बोलीदाता (Bidders) ग्लोबल एनर्जी मार्केट में मौजूदा स्थिति के कारण इसमें पार्टिसिपेशन नहीं करना चाहते हैं।

By Amit SinghEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 07:06 PM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 08:07 AM (IST)
सरकार ने BPCL का विनिवेश फिलहाल टाला, 53% हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव को लिया वापस
सरकार ने बीपीसीएल का विनिवेश फिलहाल टाला (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार ने गुरुवार को भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) में अपनी पूरी 53 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव को वापस ले लिया है। उसने कहा कि ज्यादातर बोलीदाताओं ने ग्लोबल एनर्जी मार्केट में मौजूदा स्थिति के कारण निजीकरण में पार्टिसिपेट करने में असमर्थता जताई है।

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आपको बता दें कि सरकार ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) में अपनी पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई थी। इसके अलावा मार्च 2020 में बोलीदाताओं से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) ऑफर किया था। नवंबर 2020 तक कम से कम तीन बोलियां आईं। हालांकि, दो बोलीदाताओं के ईंधन मूल्य निर्धारण में स्पष्टता की कमी जैसे मुद्दों पर चलते यह रुक गया था, जिसके बाद केवल एक बोलीदाता मैदान में बचा था।

निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने कहा कि कई COVID-19 और भू-राजनीतिक स्थितियों ने विश्व स्तर पर उद्योगों को प्रभावित किया है। खास तौर पर तेल और गैस उद्योग प्रभावित हुआ है।

DIPAM (Department of Investment and Public Asset Management) ने कहा कि वैश्विक ऊर्जा बाजार में मौजूदा परिस्थितियों के कारण और क्यूआईपी (Qualified institutional placement) के वजह से बीपीसीएल के विनिवेश की मौजूदा प्रक्रिया को जारी रखने में असमर्थता व्यक्त की है। इसे देखते हुए विनिवेश पर मंत्रियों के ग्रुप ने बीपीसीएल के रणनीतिक विनिवेश के लिए वर्तमान ईओआई (expression of interest -EOI) प्रक्रिया को बंद करने का फैसला किया है। बीपीसीएल की रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया को फिर से शुरू करने पर निर्णय स्थिति की समीक्षा के आधार पर उचित समय पर लिया जाएगा।

माइनिंग मोगुल अनिल अग्रवाल के वेदांत समूह और यूएस वेंचर फंड अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट इंक और आई स्क्वेयर्ड कैपिटल एडवाइजर्स ने बीपीसीएल में सरकार की 53 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी।

लेकिन फॉसिल फ्यूल में घटती दिलचस्पी के बीच वैश्विक निवेशकों को शामिल करने में विफल रहने के बाद दोनों फंड वापस ले लिए।


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