Move to Jagran APP

अच्छे ग्राहकों के लिए बैंक से कर्ज लेना होगा आसान, क्रिसिल ने सुधारी 18 सरकारी बैंकों की रेटिंग

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए खजाना खोलने के साथ-साथ सरकार ईमानदारी से किस्त चुकाने वालों को सहूलियत देने की तैयारी भी कर रही है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sat, 27 Jan 2018 12:20 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jan 2018 05:12 PM (IST)
अच्छे ग्राहकों के लिए बैंक से कर्ज लेना होगा आसान, क्रिसिल ने सुधारी 18 सरकारी बैंकों की रेटिंग
अच्छे ग्राहकों के लिए बैंक से कर्ज लेना होगा आसान, क्रिसिल ने सुधारी 18 सरकारी बैंकों की रेटिंग

नई दिल्ली (पीटीआई)। सरकार की ओर से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 88,139 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की घोषणा के बाद उनकी रेटिंग में सुधार आया है। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने सार्वजनिक क्षेत्र के 18 बैंकों की रेटिंग को नकारात्मक से स्थिर किया है। एजेंसी का कहना है कि पुनर्पूजीकरण से बैंकों में पूंजी प्रवाह तो बढ़ेगा ही, उनकी बैलेंस शीट में भी सुधार होगा।

loksabha election banner

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए खजाना खोलने के साथ-साथ सरकार ईमानदारी से किस्त चुकाने वालों को सहूलियत देने की तैयारी भी कर रही है। वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार का कहना है कि मौजूदा सुधारों के बाद ईमानदार कर्जदारों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से कर्ज लेना आसान होगा।

सरकार ने इसी सप्ताह बैंकिंग क्षेत्र में कई सुधारों की घोषणा की। इसके मुताबिक, सार्वजनिक क्षेत्र के 20 बैंकों में 31 मार्च से पहले 88,139 करोड़ रुपये की पूंजी डाली जाएगी। इससे उधारी को बल मिलेगा। सुधारों की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि बड़े कर्ज देने के लिए सख्त नियम तय किए गए हैं। बड़े लोन डिफॉल्टरों पर कड़ी निगरानी रहेगी। 250 करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्ज के मामले में किसी भी नियम के उल्लंघन की रिपोर्ट देना भी अनिवार्य किया गया है।

वित्तीय सेवा सचिव ने कहा, ‘सरकार द्वारा घोषित इस सुधार प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य कर्जदारों की ईमानदारी को पुरस्कृत करना और सही कर्जदारों की जरूरत के लिए कर्ज की व्यवस्था को आसान व बाधारहित बनाना है।’ कुमार ने कहा कि विभिन्न तकनीकी उपायों के अलावा जीएसटी रिटर्न से भी बैंकों को नकदी प्रवाह की काफी जानकारी मिल सकेगी। इस आधार पर भी बैंक ऋण मंजूरी के बारे में फैसला कर सकते हैं। उक्त कदमों के तहत सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्यमों (एमएसएमई), वित्तीय समावेशन और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.