Gold Price: सात साल के उच्चतम स्तर पर सोना, गोल्ड ETF में भी रिकॉर्ड उछाल, जानिए क्या है कारण
Gold Price मंगलवार को कॉमेक्स पर गोल्ड फ्यूचर का भाव 1.3 फीसद की बढ़ोत्तरी के साथ 1785 डॉलर प्रति औंस पर आ गया जो कि अक्टूबर 2012 के बाद का उच्चतम स्तर है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़े बेहद बुरे प्रभाव के चलते सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है। इस महामारी ने कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को मंदी में धकेल दिया है, जिससे सेंट्रल बैकों को अर्थव्यवस्था बचाने के लिए राहत पैकेज जारी करने पड़ रहे हैं। इक्विटी बाजारों में भारी अनिश्चितताओं के कारण निवेशक सेफ हैवन सोने में निवेश कर रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप सोने की कीमतों ने सात सालों के उच्चतम स्तर को छुआ है।
पिछले महीने दुनिया भर के इक्विटी बाजारों में जबरदस्त गिरावट के बाद निवेशकों ने सोने से प्रोफिट बुकिंग करना शुरू किया था, जिस कारण सोने की कीमतों में गिरावट आई, लेकिन अब उस गिरावट की रिकवरी हो गई है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, चार सप्ताह से भी कम समय पहले सोने का वायदा भाव 1,400 डॉलर प्रति औंस के करीब चला गया था, जो अब 18,00 डॉलर प्रति औंस के करीब आता दिखाई दे रहा है।
सिंगापुर में मंगलवार को कॉमेक्स पर गोल्ड फ्यूचर का भाव 1.3 फीसद की बढ़ोत्तरी के साथ 1,785 डॉलर प्रति औंस पर आ गया, जो कि अक्टूबर 2012 के बाद का उच्चतम स्तर है। यह मंगलवार दोपहर 2 बजकर 51 मिनट पर 0.11 फीसद या 2 डॉलर की बढ़त के साथ 1,763.40 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेंड कर रहा था। वहीं, चांदी के वैश्विक वायदा भाव की बात करें, तो यह कॉमेक्स पर मंगलवार को दोपहर तीन बजे 2.72 फीसद या 0.44 डॉलर की बढ़त के साथ 15.80 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेंड कर रहा था।
सोना-चांदी के वैश्विक हाजिर भाव की बात करें, तो मंगलवार को दोपहर तीन बजे सोने का वैश्विक हाजिर भाव 0.19 फीसद या 3.33 डॉलर की बढ़त के साथ 1,718.67 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेंड कर रहा था। वहीं, वैश्विक स्तर पर चांदी का हाजिर भाव इस समय 0.08 फीसद या 0.01 डॉलर की गिरावट के साथ 15.40 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेंड कर रहा था।
बुलियन समर्थित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में बढ़ती मांग के कारण वर्ल्डवाइड होल्डिंग्स ने रिकॉर्ड कायम किया है। दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड समर्थित ईटीएफ एसपीडीआर गोल्ड ट्रस्ट सोमवार को 1.6 फीसद के उछाल के साथ 1,009.70 टन पर आ गया। यह जून 2013 के बाद से सबसे अधिक है। भारत की बात करें, तो कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण निवेशकों ने साल 2019-20 में गोल्ड ईटीएफ में 1,600 करोड़ से अधिक रुपये डाले हैं। इससे पहले पिछले छह वित्त वर्षों से निवेशक गोल्ड ईटीएफ से पैसा निकाल रहे थे। सोने के सेफ हैवन के रूप में मजबूत होने के कारण यह देखने को मिला है।