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Gold Bond: त्योहारी सीजन में सोने में निवेश का है शानदार मौका, सरकार फिर लेकर आई ये स्‍कीम

Gold Bond Scheme इस स्कीम के तहत सात अक्टूबर से 11 अक्टूबर के बीच निवेश किया जा सकता है। इसके साथ ही ऑनलाइन अप्लाई करने पर मिलेगी कुछ छूट।

By Ankit KumarEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 08:07 AM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 12:08 PM (IST)
Gold Bond: त्योहारी सीजन में सोने में निवेश का है शानदार मौका, सरकार फिर लेकर आई ये स्‍कीम
Gold Bond: त्योहारी सीजन में सोने में निवेश का है शानदार मौका, सरकार फिर लेकर आई ये स्‍कीम

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है और आपको बोनस मिलने वाला है। आप उसे निवेश करने की सोच रहे हैं तो एक अच्छी खबर है। सरकार ने त्योहारी मौसम में लोगों के इसी सेंटिमेंट को ध्यान में रखते हुए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की अगली खेप लाने का ऐलान किया है। सरकार की ओर से दी गई सूचना के मुताबिक Sovereign Gold Bond Scheme 2019-20 की पांचवीं श्रृंखला में सात अक्टूबर यानी सोमवार से निवेश किया जा सकेगा। इस स्कीम में निवेश की आखिरी तारीख 11 अक्टूबर है। सरकार के मुताबिक इस बॉन्ड का निर्गम मूल्य 3,788 रुपये प्रति दस ग्राम तय किया गया है। इसके साथ ही इस स्कीम के तहत कुछ और पेशकश भी की गई है। आइए विस्तार से जानते हैं क्या है पूरी स्कीम एवं क्या मिलेगा फायदाः

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ऑनलाइन निवेश है फायदेमंद

इसके साथ ही सरकार ने ऑनलाइन अप्लाई एवं पेमेंट करने वाले निवेशकों के लिए भी खास पेशकश की है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस योजना में निवेश के लिए ऑनलाइन अप्लाई करने एवं भुगतान करने पर प्रति ग्राम के दर से 50 रुपये की विशेष छूट दी जाएगी। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि इस तरह के निवेशकों के लिए गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस 3,738 रुपये प्रति ग्राम रह जाएगा।

कितना निवेश कर सकता है कोई व्यक्ति

इस स्कीम के तहत बॉन्ड को एक ग्राम गोल्ड के आकार में डिनॉमिनेट किया गया है। कोई भी व्यक्ति किसी एक वित्तीय वर्ष में कम-से-कम एक ग्राम और अधिकतम 500 ग्राम तक निवेश कर सकता है। वहीं कोई अविभाजित हिन्दू परिवार चार किलोग्राम तक निवेश कर सकता है। कोई ट्रस्ट अगर इसमें निवेश करना चाहता है तो वह अधिकतम 20 किलोग्राम तक के बॉन्ड खरीद सकता है। 

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शुरुआत नवंबर, 2015 में की गई थी। इस स्कीम का लक्ष्य फिजिकल गोल्ड की मांग में कमी लाने के लिए किया गया था। साथ ही इस योजना का मकसद सोना खरीदने के लिए इस्तेमाल में लाई जाने वाली घरेलू बचत को वित्तीय बचत में शिफ्ट करना है। 


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