Gold Bond: सस्ते में सोना खरीदने का अवसर, जानें इस योजना में निवेश के 5 बड़े फायदे
Gold Bond खरीदने पर आपको 2.5 फीसद की सालाना दर से ब्याज मिलता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी सीरीज सब्सक्रिप्शन के लिए सोमवार को खुली। निवेशक दूसरी श्रृंखला के लिए 15 मई तक निवेश के लिए अप्लाई कर सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस चरण में सोने की इश्यू प्राइस 4,590 रुपये प्रति ग्राम तय की है। वहीं, इस स्कीम में निवेश के लिए ऑनलाइन अप्लाई करने वालों और ऑनलाइन भुगतान करने वालों को प्रति ग्राम 50 रुपये के हिसाब से छूट मिलेगी। सरकार ऐसे समय में गोल्ड बॉन्ड की दूसरी सीरीज लेकर आई है जब सोने की बहुत अधिक मांग देखने को मिल रही है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शुरुआत सरकार ने वर्ष 2015 में की थी। इस स्कीम का लक्ष्य फिजिकल गोल्ड की मांग में लाना भी है। आइए जानते हैं कि इस स्कीम में निवेश किस लिहाज से ज्यादा सुरक्षित और फायदेमंद रहने वाला है।
ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के सीईओ पंकज मठपाल और निवेश सलाहकार जितेंद्र सोलंकी दोनों के मुताबिक फिजिकल गोल्ड की बजाय सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदने के कई तरह के फायदे हैं। उन्होंने इसके पांच प्रमुख फायदे गिनाएं, जो इस प्रकार हैंः
1. शुद्धता की चिंता नहीं: भारत सरकार की ओर से रिजर्व बैंक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करता है। गोल्ड बॉन्ड की कीमत India Bullion & Jewellers Association (IBJA) द्वारा प्रकाशित 999 शुद्धता यानी 24 कैरेट सोने के दाम से लिंक होता है। ऐसे में आपको सोने की गुणवत्ता लेकर किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं होती है।
2. सुरक्षा की चिंता एवं रखरखाव खर्च की बचत: आपको सोने की सुरक्षा का ध्यान रखना पड़ता है। साथ ही अगर आप उसे लॉकर में रखते हैं तो उसका शुल्क अलग से देना पड़ता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश पर आपको इन दोनों में से किसी भी पहलू को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं होती है।
3. बिक्री पर नहीं कटते हैं कोई पैसे: अगर आप फिजिकल सोना बेचने जाते हैं तो मेकिंग चार्जेज सहित कुछ पैसे कट जाते हैं। हालांकि, सोवरेन गोल्ड बॉन्ड के साथ ऐसा नहीं है। मेच्योरिटी पर अगर आप बॉन्ड को भुनाते हैं तो आपको उस समय के मार्केट रेट से पैसे मिल जाते हैं।
4. गोल्ड बॉन्ड पर ब्याज के रूप में मिलता है अतिरिक्त फायदाः आरबीआइ की वेबसाइट के मुताबिक गोल्ड बॉन्ड खरीदने पर आपको 2.5 फीसद की निर्धारित सालाना दर से ब्याज मिलता है। हर छह महीने पर इसका ब्याज निवेशक के बैंक खाते में जुड़ता रहता है। मेच्योरिटी के समय ब्याज की राशि मूलधन के साथ जोड़कर दी जाती है।
5. टैक्स की चिंता नहींः इस स्कीम को मेच्योरिटी तक होल्ड करने के बाद इसे भुनाने पर होने वाले धन लाभ पर किसी तरह का टैक्स देय नहीं होता है।