Air India के पायलटों को मिला अंतरराष्ट्रीय संगठन का समर्थन, वेतन कटौती के मामले में की सरकार से हस्तक्षेप की मांग
थॉमस ने कहा कि इन पायलटों ने उड़ानों का परिचालन वैश्विक महामारी के दौरान स्वास्थ्य की चिंता किये बिना किया और वे लगातार ऐसा कर रहे हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। उड़ान भत्ते में भारी कटौती का विरोध कर रहे एयर इंडिया के पायलटों को अंतररााष्ट्रीय पायलटों के संगठन से समर्थन मिला है। संगठन ने बुधवार को सरकार को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एयरलाइन्स पायलट्स एसोसिएशन (आईएफएएलपीए) की भारतीय इकाई ने नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी को लिखे पत्र में कहा कि ड्यूटी पर होने के बावजूद एयर इंडिया के पायलटों के वेतन में बड़ी कटौती की गयी है, यह दु:खद है।
सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति से पार पाने के लिये लागत कटौती कर रही है। कोविड-19 का एयरलइन पर प्रतिकूल असर पड़ा है। एयर इंडिया ने घोषणा की है कि चालक दल के सदस्यों को वास्तविक उड़ान घंटे के आधार पर भुगतान किया जाएगा जबकि पहले 70 घंटे के लिये नियत भुगतान किया जाता था। इस कदम से पायलटों के मासिक वेतन में करीब 60 प्रतिशत की कमी आयी है।
घाटे में चल रही एयरलाइन ने 25,000 से अधिक सकल वेतन पाने वाले कर्मचारियों के मासिक भत्ते में भी 50 फीसद की कटौती की घोषणा की है। साथ ही उसने अपने कर्मचारियों के लिये छह महीने से पांच साल के लिये ‘बिना वेतन अवकाश’ योजना भी लागू की है।
एयरलाइंस पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एएलपीए) के अध्यक्ष सैम थॉमस ने पुरी को लिखे पत्र में कहा, ‘‘हम आपका ध्यान एयर इंडिया के पायलटों के साथ हुए गंभीर अन्याय की ओर दिलाना चाहते हैं। एकतरफफा...तरीके से उनके वेतन में 60 प्रतिशत की कटौती गंभीर चिंता का विषय है।’’ उसने कहा, ‘‘ये वहीं पायलट हैं जिन्होंने सरकार के कहने पर आगे बढ़कर काम किया और संकट की घड़ी विदेशों से भारतीय नागरिकों को विभिन्न देशों से लाने के लिये विमानों का परिचालन किया।’’
थॉमस ने कहा कि इन पायलटों ने उड़ानों का परिचालन वैश्विक महामारी के दौरान स्वास्थ्य की चिंता किये बिना किया और वे लगातार ऐसा कर रहे हैं।