विकास दर ने फिर दिया झटका
नई दिल्ली। वित्त मंत्री पी चिदंबरम गुरुवार दिन में जब अगले वित्त वर्ष का बजट पेश करे रहे थे तब उन्हें शायद ही यह अनुमान रहा होगा कि शाम को अर्थव्यवस्था के ताजा आंकड़े उन्हें फिर से झटका देंगे। केंद्रीय सांख्यिकी विभाग [सीएसओ] की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर-दिसंबर 2012 में विकास दर लुढ़ककर 4.5 फीसद रह गई है। कृषि, मैन्
नई दिल्ली। वित्ता मंत्री पी चिदंबरम गुरुवार दिन में जब अगले वित्ता वर्ष का बजट पेश करे रहे थे तब उन्हें शायद ही यह अनुमान रहा होगा कि शाम को अर्थव्यवस्था के ताजा आंकड़े उन्हें फिर से झटका देंगे। केंद्रीय सांख्यिकी विभाग [सीएसओ] की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर-दिसंबर 2012 में विकास दर लुढ़ककर 4.5 फीसद रह गई है। कृषि, मैन्यूफैक्चरिंग और खनन क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन की वजह से सकल घरेलू उत्पाद [जीडीपी] की दर में यह गिरावट दर्ज की गई है। इसके साथ ही यह आशंका भी बढ़ गई है कि 2012-13 में विकास दर पांच फीसद से भी नीचे जा सकती है।
वित्ता वर्ष 2011-12 की दिसंबर तिमाही में यह दर छह फीसद रही थी। चालू वित्ता वर्ष के पहले नौ महीनों [अप्रैल-दिसंबर] में भी जीडीपी की दर इससे पिछले साल की इसी अवधि के 6.6 फीसद से घटकर पांच फीसद पर आ गई है। वित्ता वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर 5.5 फीसद और दूसरी तिमाही में 5.3 फीसद रही थी। फरवरी के पहले हफ्ते में जब सीएसओ ने विकास दर पांच फीसद रहने का ताजा अनुमान जताया था तब वित्ता मंत्री को यह बात नागवार गुजरी थी। उन्होंने इस आंकड़े को एक तरह से गलत करार देते हुए दावा किया था कि अर्थव्यवस्था 5.5 फीसद की दर से बढ़ेगी। गुरुवार को जारी ताजा आंकड़ों ने उनके इस दावे की हवा निकाल दी है।
2012-13 की तीसरी तिमाही में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र दिसंबर 2011 के 0.7 फीसद के मुकाबले 2.5 फीसद की दर से बढ़ा है। वहीं कृषि क्षेत्र में तेज गिरावट आई है। यह 4.1 फीसद से घटकर 1.1 फीसद पर सिमट गया है। खनन क्षेत्र की वृद्धि दर 2.6 फीसद की जगह 1.4 फीसद पर आ गई है। व्यापार, होटल, परिवहन और संचार क्षेत्र में 5.1 फीसद की दर से बढ़ोतरी हुई है। बिजली, गैस और जलापूर्ति का प्रदर्शन भी कमजोर रहा है। यह इससे पिछले साल के 7.7 फीसद की तुलना में सिर्फ 4.5 फीसद की दर से बढ़ा है। निर्माण क्षेत्र 6.9 फीसद के मुकाबले 5.8 फीसद पर रहा है। बजट पेश करते हुए वित्ता मंत्री ने पांच फीसद विकास दर का अनुमान लगाया है। बुधवार को पेश आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में भी यही बात कही गई थी।
मगर बुनियाद ने दी राहत
नई दिल्ली। विकास दर के आंकड़ों ने भले ही सरकार को झटका दिया हो मगर बुनियादी क्षेत्रों से थोड़ी राहत की खबर जरूर आई है। जनवरी में देश के आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 3.9 फीसद की दर से बढ़ा है। पिछले साल इसी माह में यह वृद्धि 2.2 फीसद रही थी।
चालू वित्ता वर्ष की अप्रैल-जनवरी अवधि में इन उद्योगों की वृद्धि दर घटकर 3.2 फीसद रह गई। पिछले साल की समान अवधि में यह दर पांच फीसद रही थी। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में बुनियादी उद्योगों की हिस्सेदारी 37.9 फीसद है। इससे अंतिम तिमाही में विकास दर में सुधार की उम्मीद बढ़ी है। जनवरी में प्राकृतिक गैस का उत्पादन 16.8 फीसद और कच्चे तेल का उत्पादन 0.2 फीसद घटा है। वहीं उवर्रक क्षेत्र का उत्पादन 9.1 फीसद घटा है। सीमेंट उत्पादन इस महीने 6.6 फीसद घटा है। कोयला उत्पादन जनवरी में 2.3 फीसद बढ़ा। इससे पहले बुनियादी उद्योगों का उत्पादन नवंबर में 1.8 फीसद और दिसंबर में 2.6 फीसद बढ़ा था।
आठ उद्योगों की वद्धि दर
उद्योग जनवरी 2013 जनवरी 2012
रिफाइनरी 10.5 3.6
स्टील 9.4 4.5
बिजली 5.9 -
कोयला 2.3 7.7
उर्वरक -9.1 4
सीमेंट -6.6 10.9
प्राकृतिक गैस -16.8 -
कच्चा तेल -0.2 -