IndiGo प्रमोटर्स के बीच इतनी बढ़ी तकरार कि सुलह की नहीं दिख रही कोई गुंजाइश
इंडिगो का परिचालन करने वाली इंटरग्लोब एविएशन के प्रमोटर्स राकेश गंगवाल और राहुल भाटिया के बीच तकरार इस कदर बढ़ गया है कि अब सुलह की गुंजाइश नहीं नजर आ रही है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी इंडिगो का परिचालन करने वाली इंटरग्लोब एविएशन के प्रमोटर्स राकेश गंगवाल और राहुल भाटिया के बीच तकरार इस कदर बढ़ गया है कि अब सुलह की गुंजाइश नहीं नजर आ रही है। गंगवाल ने कड़े शब्दों में लिखे अपने पत्र में भाटिया और उनमें सुलह की खबरों का खंडन भी किया है। यह गंगवाल और भाटिया के बीच कथित कॉरपोरेट गवर्नेस को लेकर विवाद गहराने का साफ संकेत है।
इस वर्ष जुलाई में गंगवाल ने इंटरग्लोब एविएशन में कॉरपोरेट गवर्नेस के मानकों का खुला उल्लंघन होने का आरोप लगाया था। उन्होंने पूंजी बाजार नियामक सेबी को भी पत्र लिखकर मामले में दखल देने और मुद्दों को सुलझाने की दरख्वास्त की थी। हालांकि भाटिया की कंपनी इंटरग्लोब इंटरप्राइजेज (आइजीई) ने सभी आरोप खारिज कर दिए थे।
इंटरग्लोब एविएशन के निदेशक मंडल को लिखे गए पत्र में गंगवाल ने ‘असोसिएशन के आर्टिकल में बदलाव’ के प्रस्ताव पर वोट देने से साफ इन्कार कर दिया है। इंटरग्लोब के बोर्ड ने 10 सदस्यों तक विस्तार का फैसला किया है, जिसमें चार स्वतंत्र निदेशक भी शामिल होंगे। इसके अलावा इसमें एक महिला स्वतंत्र निदेशक होगी।
गंगवाल की शर्त
बोर्ड के प्रस्तावित विस्तार पर गंगवाल ने कहा, ‘जब तक इंडिगो का बोर्ड पूरक प्रस्ताव पारित नहीं करता, जो भाटिया के नेतृत्व वाले आईजीई ग्रुप को ज्यादा शक्तियां मिलने से रोके और एक नई रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन पॉलिसी बनाए, तब तक वह वोट नहीं करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘चेयरमैन को कंपनी को निर्देश देना चाहिए था कि छोटे शेयरधारकों के फायदे के लिए पारदर्शिता की दिशा में वह इस तथ्य को सालाना आम बैठक के संज्ञान में लाए।’
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