विदेशी निवेशकों की घरेलू शेयरों में हिस्सेदारी 14% घटी, जून तिमाही में FPIs का निवेश 523 अरब डालर रहा
FPIs Investment in June Quarter विदेशी पोर्टफोलियो निवेेशकों की घरेलू बाजार में निवेश की हिस्सेदारी जून तिमाही के दौरान 14 प्रतिशत घटी है। हालांकि अब विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
नई दिल्ली, एजेंसी। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) की चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही के दौरान घरेलू शेयरों में पूंजी के लिहाज से हिस्सेदारी 14 प्रतिशत घटकर 523 अरब डालर रह गई है। इससे पिछली तिमाही में यह 612 अरब डालर थी। वहीं पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में भारतीय शेयर बाजार में एफपीआइ निवेश का मूल्य 592 अरब डालर था। मार्निंगस्टार की रिपोर्ट के अनुसार, यह लगातार तीसरी तिमाही है जब एफपीआइ की भारतीय शेयरों में हिस्सेदारी घटी है। विदेशी निवेशक साल की शुरुआत से ही सतर्क रुख अपना रहे थे और वैश्विक व घरेलू दानों बाजारों में चिंताजनक घटनाओं के बाद उनकी चिंता और बढ़ी है।
घरेलू शेयर बाजारों में बाजार पूंजीकरण (Market Cap) के लिहाज से भी एफपीआइ की हिस्सेदारी समीक्षाधीन तिमाही में गिरकर 16.9 प्रतिशत हो गई, जो बीते वित्त वर्ष की मार्च तिमाही में 17.8 प्रतिशत थी। जून, 2022 को समाप्त तिमाही के दौरान एफपीआइ ने शुद्ध रूप से 13.85 अरब डालर की संपत्तियां बेचीं। हालांकि, यह मार्च तिमाही के 14.59 अरब डालर के आंकड़े से कम है।
अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) द्वारा लगातार आक्रामक नीतिगत रुख अपनाने से तिमाही की शुरुआत से ही विदेशी निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। वैश्विक स्तर पर बांड प्राप्तियां भी बढ़ी हैं जिससे एफपीआइ का निवेश प्रभावित हुआ। अमेरिकी केंद्रीय बैंक 2022 में अब तक ब्याज दरों में 1.5 प्रतिशत अंक की वृद्धि की चुका है।
बढ़ रही है विदेशी संस्थागत निवेशकों की भागीदारी
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड, विनोद नायर ने कहा कि घरेलू बाजारों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। इससे बाजार को मजबूती मिल रही है। वस्तुओं और तेल की कीमतों में गिरावट ने भी विदेशी निवेशकों में भरोसा जगाया है।