FPI के जरिए इस महीने अब तक आया 2 बिलियन डॉलर का निवेश
आरबीआई ने इस महीने इंडियन बॉन्ड्स के लिए एफपीआई लिमिट्स को बढ़ाकर 14,200 करोड़ रुपए किया है
नई दिल्ली (पीटीआई)। इंडियन डेट मार्केट में विदेशी निवेशकों की ओर से किए जाने वाले निवेश ने इस महीने अब तक 2 बिलियन अमेरिका डॉलर का रिकॉर्ड दर्ज कराया है। इसकी प्रमुख वजह सकारात्मक ब्याज दर के साथ कम मुद्रा अस्थिरता रही है। हालांकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस अवधि के दौरान मुनाफावसूली के कारण इक्विटी से 3,408 करोड़ रुपए (523 मिलियन डॉलर) की निकासी भी की है।
ताजा डिपाजिटरी डेटा के मुताबिक एफपीआई ने 3 से 18 अक्टूबर के दौरान डेट मार्केट में 12,135 करोड़ रुपए (1.86 अरब डॉलर) का शुद्ध निवेश किया है। इसी क्रम में बीते आठ महीनों में फरवरी से सितंबर के बीच शुद्ध प्रवाह 1.4 लाख करोड़ रुपए का रहा है। इससे पहले उन्होंने 2,300 करोड़ रुपए की निकासी की थी।
बजाज कैपिटल के सीईओ राहुल पारिख का कहना है कि इंडियन डेट मार्केट में एफपीआई की ओर से लगातार निवेश किए जाने की मुख्य वजह पॉजिटिव रियल इंटरेस्ट रेट्स और लोअर करंसी वालटिलिटी है। चालू फिस्कल में सीपीआई इंफ्लेशन 4.2 से 4.5 फीसद रहने की उम्मीद से भारत में 2 फीसद मजबूत रियल इंटरेस्ट रेट्स ने एफपीआई को आकर्षित किया है। इसके साथ ही, आरबीआई ने इस महीने इंडियन बॉन्ड्स (अक्टूबर-दिसंबर 2017 तिमाही) के लिए एफपीआई लिमिट्स को बढ़ाकर 14,200 करोड़ रुपए किया है। आरबीआई के इस कदम इंडियन गवर्नमेंट सिक्युरिटीज और कॉर्पोरेट्स बॉन्ड में एफपीआई को एक नई खरीदारी दिखी है और वो यहां पैसा लगा रहे हैं।
वहीं कोटक म्युचुअल फंड के पोर्टफोलियो मैनेजर अंशूल सैगल ने बताया कि इंडियन इक्विटीज के हाई वैल्युएशन के चलते एफपीआई ने इक्विटी में प्रॉफिट बुकिंग की है। इसके अलावा, चीन जैसे देशों का वैल्युएशन इंडियन मार्केट की तुलना में आकर्षक होने से एफपीआई का ध्यान बढ़ा है।