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FPI ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय शेयर बाजारों में निवेश किए 30,000 करोड़ रुपये

FPI ने जून तिमाही के दौरान भारतीय इक्विटी बाजार में खूब निवेश किया। ठीक पिछली तिमाही के दौरान इसमें भारी गिरावट आई थी। PC Pixabay

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sat, 22 Aug 2020 12:42 PM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2020 08:37 AM (IST)
FPI ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय शेयर बाजारों में निवेश किए 30,000 करोड़ रुपये
FPI ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय शेयर बाजारों में निवेश किए 30,000 करोड़ रुपये

नई दिल्ली, पीटीआइ। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय शेयर बाजारों में करीब लगभग 30,000 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसके चलते इस वर्ष जून के आखिर में भारतीय बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश की रकम बढ़कर 34,400 करोड़ डॉलर यानी लगभग 25.80 लाख करोड़ रुपये पर जा पहुंची। पिछले वर्ष जून के आखिर में यह रकम 28,100 करोड़ डॉलर यानी करीब 21.07 लाख करोड़ रुपये थी।

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मॉर्निंग स्टार की एक रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी-मार्च, 2020 के दौरान भारी बिकवाली करने वाले एफपीआइ ने अप्रैल-जून, 2020 तिमाही में जमकर पूंजी लगाई। रिपोर्ट का कहना है कि लॉकडाउन खत्म करने की शुरुआत और ऑर्थिक गतिविधियां बहाल करने के सरकारी उपायों के चलते विदेशी निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ।

एफपीआइ ने जून तिमाही के दौरान भारतीय इक्विटी बाजार में खूब निवेश किया। ठीक पिछली तिमाही के दौरान इसमें भारी गिरावट आई थी। रिपोर्ट के मुताबिक जून तिमाही के दौरान एफपीआइ ने भारतीय इक्विटी बाजारों में 391 करोड़ डॉलर यानी लगभग 29,325 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की। इससे पिछली तिमाही के दौरान उन्होंने 638 करोड़ डॉलर यानी लगभग 47,850 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी।

घरेलू पूंजी बाजार में पी-नोट्स (पार्टिसिपेटरी नोट्स) के जरिये निवेश में भी लगातार वृद्धि जारी है। जुलाई के अंत तक यह 63,288 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। पूंजी बाजार नियामक सेबी के मुताबिक यह लगातार चौथा महीना है जब पी-नोट्स के जरिये निवेश बढ़ा है। सेबी ने कहा कि शेयर, बांड्स, हाइब्रिड सिक्युरिटीज और डेरिवेटिव्स समेत भारतीय पूंजी बाजार में पी-नोट्स निवेश जून के अंत में 62,138 करोड़ रुपये था, जो जुलाई के अंत में बढ़कर 63,288 करोड़ रुपये हो गया।

इससे पहले मई में यह 60,027 करोड़ रुपये और अप्रैल के अंत में 57,100 करोड़ रुपये पर था। मार्च के अंत में पी-नोट्स निवेश 48,006 करोड़ रुपये के साथ 15 वर्षो के निचले स्तर तक फिसल गया था। मार्च अंत का यह आंकड़ा अक्टूबर, 2004 के बाद से निवेश का सबसे निचला स्तर था। उस समय भारतीय बाजारों में पी-नोट्स निवेश का कुल मूल्य 44,586 करोड़ रुपये था।


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