जांच के दायरे में फास्ट फूड के 33 ब्रांड
फास्ट फूड की गुणवत्ता पर उठ रहे सवालों के बीच भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने सोमवार को नूडल्स, पास्ता और मैक्रोनी की बाजार में मौजूद सभी ब्रांडों की जांच करवाने का आदेश दिया।
नई दिल्ली। फास्ट फूड की गुणवत्ता पर उठ रहे सवालों के बीच भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने सोमवार को नूडल्स, पास्ता और मैक्रोनी की बाजार में मौजूद सभी ब्रांडों की जांच करवाने का आदेश दिया।
प्राधिकरण के इस आदेश के बाद नेस्ले, ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन और आइटीसी जैसी सात कंपनियों के मैगी, टॉप रेमन, वाइ-वाइ, यम्मी और फूडल्स जैसे 33 ब्रांड जांच के दायरे में आ गए हैं। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 19 जून तक जांच रिपोर्ट सौंप देने को कहा गया है। प्राधिकरण के सीईओ युद्धवीर सिंह ने जांच का आदेश देते हुए कहा कि मैगी का मामला सामने आने के बाद यह जरूरी हो गया है।
आदेश में उन मानकों को भी स्पष्ट किया गया है, जिनके आधार पर गुणवत्ता परीक्षण किया जाएगा। मलिक ने कहा कि केक और मसालों की जांच अलग से करानी होगी। उल्लेखनीय है कि नेस्ले की मैगी में लेड और मोनोसोडियम ग्लूटामेट की अधिक मात्रा पाए जाने के बाद देश में फास्ट फूड की गुणवत्ता को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं।
अनधिकृत फास्ट फूड को नष्ट करने का निर्देश
खाद्य संरक्षा प्राधिकरण ने बिना मंजूरी के बेचे जाने वाले तमाम अनधिकृत और गैरकानूनी फास्ट फूडों को वापस लेने का निर्देश भी दिया है। मलिक के अनुसार, उत्पाद अनुमोदन प्रक्रिया के तहत जिन खाद्य पदार्थों का परीक्षण नहीं किया गया है, उनका कारोबार गलत है। इसे देखते हुए सरकारों को इसे बाजार से मंगाकर उसे नष्ट कर देने को कहा गया है।
इन प्रॉडक्ट्स की होगी जांच
-वाई वाई नूडल्स, चौधरी ग्रुप-भुजिया चिकन स्नैक्स, सीजी फूड्स
-कोका इंस्टेंट नूडल्स, रुचि इंटरनेशनल
-फूडल्स, जीएसके कंज्यूमर हेल्थकेयर
-नौ तरह के मैगी इंस्टेंट नूडल्स, नेस्ले
-टॉप रैमेन आटा मसाला, इंडो निसिन
-इंस्टेंट नूडल्स, यम्मी चिकन, आईटीसी
-वेजिटेरियन नूडल्स, एए न्यूट्रिशन