केंद्रीय सार्वजनिक कंपनियां देंगी अर्थव्यवस्था को बूस्ट, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की बैठक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस वित्तीय वर्ष में पूंजीगत व्यय की समीक्षा करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बैठक की।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। आर्थिक विकास की गति में तेजी लाने के लिए सरकार अब केंद्रीय सार्वजनिक कंपनियों को खर्च करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। चालू वित्त वर्ष में देश की 23 केंद्रीय सार्वजनिक कंपनियों के पूंजीगत खर्च का लक्ष्य 1,65,510 करोड़ है। समझा जा रहा है कि सार्वजनिक कंपनियों की तरफ से अपने पूंजीगत खर्च के लक्ष्य को पूरा करने से आर्थिक विकास का पहिया तेज घुमाने में काफी मदद मिलेगी।
मंगलवार को इस संबंध में केंद्रीय सार्वजनिक कंपनियों के सीएमडी के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक की। वित्त मंत्री के साथ इस वर्चुअल बैठक में सभी 23 केंद्रीय सार्वजनिक कंपनियों के सीएमडी ने हिस्सा लिया। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक बैठक में वित्त मंत्री ने केंद्रीय कंपनियों द्वारा अब तक किए गए पूंजीगत खर्च की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि केंद्रीय कंपनियों के बेहतर प्रदर्शन से अर्थव्यवस्था को कोविड19 से उबरने में मदद मिलेगी। उन्होंने इन कंपनियों को समय पर अपने पूंजीगत खर्च के लिए भी प्रेरित किया।
बढ़ने लगी है अर्थव्यवस्था
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक बिजली व पेट्रोल की खपत से जाहिर है कि अर्थव्यवस्था में तेजी आ रही है। ई-वे बिल में बढ़ोतरी भी इस बात के संकेत दे रहे है। रिपोर्ट के मुताबिक बिजली की खपत इस साल अप्रैल में पिछले साल अप्रैल के मुकाबले 24 फीसद कम थी जो मई में 15.2 फीसद के स्तर पर आ गई। इस साल एक जून से 28 जून के दौरान बिजली की खपत में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले सिर्फ 11.3 फीसद की गिरावट रही।
रिपोर्ट के मुताबिक पेट्रोलियम पदाथरें की खपत में इस साल अप्रैल के मुकाबले मई में 47 फीसदी का इजाफा रहा। इस साल अप्रैल के मुकाबले मई में ई-वे बिल में 130 फीसद का इजाफा दर्ज किया गया। एक जून से 28 जून तक 11.4 लाख करोड़ के ईवे बिल जेनरेट किए गए। वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक टोल कलेक्शन में इस साल अप्रैल के मुकाबले चार गुना बढ़ोतरी रही। अप्रैल में रोजाना का औसतन कलेक्शन 8.25 करोड़ रुपए था जो मई में बढ़कर 36.84 करोड़ रुपए हो गया। जून के पहले चार सप्ताह में रोज का यह औसत कलेक्शन बढ़कर 50.9 करोड़ रुपए हो गया। वित्त मंत्रालय के मुताबिक डिजिटल ट्रांजेक्शन भी इकोनॉमी में तेजी के संकेत दे रहे है। एनपीसीआइ के आंकड़ों के मुताबिक इस साल अप्रैल में डिजिटल ट्रांजेक्शन 6.71 लाख करोड़ था जो मई में 9.65 लाख करोड़ हो गया। जून में डिजिटल ट्रांजेक्शन की इस तेजी में भारी बढ़ोतरी की संभावना है।