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सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ वित्त मंत्री की बैठक टली, इन मुद्दों पर होनी थी बातचीत

रिजर्व बैंक ने 27 मार्च को रेपो रेट में 0.75 फीसद की भारी कटौती की घोषणा की थी। इसके बाद रेपो रेट 5.15 फीसद से घटकर 4.40 फीसद पर रह गया।

By Ankit KumarEdited By: Published: Mon, 11 May 2020 11:41 AM (IST)Updated: Mon, 11 May 2020 06:26 PM (IST)
सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ वित्त मंत्री की बैठक टली, इन मुद्दों पर होनी थी बातचीत
सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ वित्त मंत्री की बैठक टली, इन मुद्दों पर होनी थी बातचीत

नई दिल्ली, पीटीआइ। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की सोमवार को आयोजित होने वाली बैठक टल गई है। सूत्रों ने बताया कि बैठक फिलहाल स्थगित हो गई है और नई तारीख के बारे में जल्द ही जानकारी दी जाएगी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस बैठक का आयोजन होना था। इस बैठक में कर्ज वितरण की स्थिति के बारे में चर्चा होनी थी। उल्लेखनीय है कि कोरोनावायरस से प्रभावित इकोनॉमी को उबारने के लिए केंद्र सरकार तमाम तरीके के प्रयास कर रही है।  

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इन मुद्दों पर होनी थी बात

वित्त मंत्री की पब्लिक सेक्टर बैंकों के CEOs के साथ होने वाली बैठक में इस बात की भी समीक्षा होनी थी कि बैंकों ने ब्याज दर में कमी का लाभ लेनदारों को दिया है या नहीं। साथ ही लोन के भुगतान पर मोराटोरियम के विकल्प पर भी बात होनी थी। 

आरबीआइ ने मार्च में किए थे ये फैसले

उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने 27 मार्च को रेपो रेट में 0.75 फीसद की भारी कटौती की घोषणा की थी। इसके बाद रेपो रेट 5.15 फीसद से घटकर 4.40 फीसद पर रह गया। इसके अलावा लॉकडाउन से परेशान लेनदारों को राहत देने के लिए केंद्रीय बैंक ने सभी बैंकों एवं वित्तीय संस्थाओं को सभी तरह के टर्म लोन की EMI की भुगतान पर कर्ज लेने वालों को तीन माह के मोराटोरियम का विकल्प देने की बात कही थी।  

इस महीने की शुरुआत में आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास ने सरकारी एवं निजी क्षेत्रों के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में उन्होंने आर्थिक स्थिति का जायजा लिया था और केंद्रीय बैंक द्वारा घोषित विभिन्न उपायों के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा की थी।

इससे पहले वित्त मंत्री सीतारमण ने शनिवार को ट्वीट कर जानकारी दी थी कि कृषि ऋण लेने वाले करीब 3 करोड़ लोगों ने EMI के भुगतान पर मोराटोरियम का विकल्प अपनाया है।


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