Flexicap Funds: भारतीय मार्केट के लिहाज से काफी अहम है यह फंड, जानिए सभी जरूरी बातें
भारतीय बाजार के कारोबार का चक्र बेहद आकर्षक है। ऐसा क्रेडिट ग्रोथ के कम रहने के बावजूद है। एक तरफ वैश्विक बिजनेस साइकल (कारोबारी चक्र) में गिरावट का जोखिम मौजूद है। दूसरी तरफ भारतीय बिजनेस साइकल अपने शुरुआती चरण में है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय बाजार के कारोबार का चक्र बेहद आकर्षक है। ऐसा क्रेडिट ग्रोथ के कम रहने के बावजूद है। एक तरफ वैश्विक बिजनेस साइकल (कारोबारी चक्र) में गिरावट का जोखिम मौजूद है। दूसरी तरफ भारतीय बिजनेस साइकल अपने शुरुआती चरण में है। ICICI प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड के सीनियर फंड मैनेजर रजत चांडक इस बारे में कहते हैं कि लोगों को इस तथ्य को जान लेना चाहिए कि भारतीय इक्विटी वैल्यूएशन अब ऐसा नहीं है जो मार्च 2020 में था। वे कहते हैं कि मौजूदा परिदृश्य में फ्लैक्सीकैप एक दिलचस्प कैटेगरी है। इसकी वजह यह है कि यह लॉर्ज से लेकर मिड और स्मॉल कैप में निवेश की गुंजाइश प्रदान करता है। इसके अलावा, यह इक्विटी स्कीम के बीच एक कैटेगरी (सेबी के स्कीम वर्गीकरण के अनुसार) है जो सभी तरह के ऑफर किए जाने वाले इक्विटी स्कीम में सबसे लचीला (flexible) है। हमने हाल ही में इस प्रोडक्ट को लॉन्च किया है क्योंकि हम इसे लंबे समय के निवेशकों के लिए एक दिलचस्प कैटेगरी के रूप में देखते हैं।
चांडक ने कहा कि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मल्टीकैप फंड का दमदार प्रदर्शन वित्तीय, ऑटो, ऑटो सप्लायर्स जैसे स्टॉक्स के बारे में निर्णय लेने की बदौलत संभव हुआ। इन सभी का चुनाव आर्थिक रिकवरी को ध्यान में रखकर किया गया, जिसने इन सभी फंड के परफॉर्मेंस में अपना अच्छा खासा योगदान दिया। वैश्विक स्तर पर और भारत के शेयर बाजारों को वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा दिए गए लिक्विडिटी से काफी हद तक राहत मिली है। इससे विकसित विश्व व्यापार के सभी मार्केट्स ज्यादा मूल्यांकन पर ट्रेड करने लगे हैं।
उनके मुताबिक, निवेशक के नजरिए से इक्विटी म्यूचुअल फंड कैटेगरीज में फ्लैक्सीकैप सबसे दिलचस्प कैटेगरी में से एक है। क्योंकि इसमें विभिन्न बाजार पूंजीकरण (market capitalisations) के प्रति निवेश के मामले में किसी भी तरह की कोई सीमा नहीं है। पोर्टफोलियो में लॉर्ज कैप एक्सपोजर उठापटक के समय में रक्षा प्रदान करता है। मीडियम और स्मॉल कैप्स में निवेश लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न पैदा करने में सहायक होता है। रिस्क और रिवॉर्ड के बीच यह संतुलन इक्विटी निवेश के लिए एक बहुत ही उचित निवेश का अवसर बनाता है।
चांडक ने बताया कि निवेश की बात या पुनर्संतुलन (re-balancing) के समय की बात आती है, तो मीडियम और स्मॉल कैप नामों का चयन इन-हाउस मार्केट कैप मॉडल के आधार पर किया जाता है। इसके अलावा, फंड मैनेजर मॉडल अलोकेशन को ठीक करने के लिए बिजनेस साइकल या मैक्रो-इकोनॉमिक इंडीकेटर्स पर आगे विचार करते हैं। ये दोनों पहलू आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल फ्लेक्सिकैप फंड सबसे अलग बनाते हैं।