सितंबर से पहले जारी होगी पांच वर्षीय विदेश व्यापार नीति, DGFT कर रही है तैयारी
वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाला विदेश व्यापार महानिदेशालय पांच वर्षीय विदेश व्यापार नीति पर काम कर रहा है। जिला निर्यात योजना से जुड़े फंड की मंजूरी के लिए जल्द ही यह प्रस्ताव वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) को भेजा जाएगा
नई दिल्ली, पीटीआइ। वाणिज्य मंत्रालय पांच वर्षीय विदेश व्यापार नीति (FTP) को सितंबर से पहले जारी करने में जुटा है। एक अधिकारी के अनुसार, निर्यात और रोजगार को बढ़ावा देने वाली जिला निर्यात हब योजना भी विदेश व्यापार नीति का हिस्सा होगी। अधिकारी ने बताया कि वाणिज्य मंत्रालय के अधीन विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) विदेश व्यापार नीति तैयार कर रहा है और जल्द ही जिला निर्यात योजना से जुड़े फंड की मंजूरी के लिए प्रस्ताव वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) को भेजा जाएगा।
अधिकारी ने बकाया कि निर्यात हब योजना का उद्देश्य शुरू में ऐसे 50 जिलों की पहचान करना है जिनके पास अच्छे उत्पाद हैं और जिनमें निर्यात की अपार संभावनाएं हैं। इस योजना में चयन के लिए सभी राज्यों और जिलों को डीजीएफटी की ओर से तय प्रतिस्पर्धा को उत्तीर्ण करना होगा। उसके बाद ही वित्तीय मदद मिलेगी। अधिकारी ने कहा कि इसको लेकर जल्द विस्तृत गाइडलाइंस जारी की जाएंगी। यह एक केंद्र पोषित योजना है जिसमें केंद्र की ओर से 60 प्रतिशत लागत वहन की जाएगी। शेष राशि राज्य खर्च करेंगे।
वाणिज्य मंत्रालय के एक दस्तावेज के अनुसार, राज्यों को निर्यात प्रोत्साहन गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल होने की आवश्यकता है क्योंकि उनकी सक्रिय भागीदारी के बिना निर्यात में तेजी से वृद्धि नहीं की जा सकती है। मौजूदा विदेश व्यापार नीति सिंतबर 2022 तक लागू है। कोरोना के कारण लगाए गए लाकडाउन के चलते 31 मार्च 2020 को सरकार ने एफटीपी को 31 मार्च 2021 तक के लिए बढ़ा दिया था। इसके बाद दोबारा इस वर्ष सितंबर तक के लिए बढ़ाया गया। एफटीपी में सरकार वस्तुओं और सेवाओं के निर्यातकों की मदद के उपायों की घोषणा करती है।
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, जिला निर्यात हब योजना विदेश व्यापार नीति का हिस्सा होगी, शुरुआत में 50 जिले शामिल किए जाएंगे