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Basel III मानकों को पूरा करने के लिए बैंकों को 65 बिलियन डॉलर की अतिरिक्त पूंजी की जरूरत: फिच

फिच का कहना है कि भारतीय बैंकों को बेसिल-III मानकों को पूरा करने के लिए 65 बिलियन अमेरिकी डॉलर की जरूरत होगी

By Praveen DwivediEdited By: Published: Tue, 12 Sep 2017 04:36 PM (IST)Updated: Tue, 12 Sep 2017 04:36 PM (IST)
Basel III मानकों को पूरा करने के लिए बैंकों को 65 बिलियन डॉलर की अतिरिक्त पूंजी की जरूरत: फिच
Basel III मानकों को पूरा करने के लिए बैंकों को 65 बिलियन डॉलर की अतिरिक्त पूंजी की जरूरत: फिच

नई दिल्ली (जेएनएन)। मार्च 2019 तक बेसिल-III के कैपिटल एडिक्वेसी नॉर्म को पूरा करने और ग्रोथ को बढ़ाने के लिए भारतीय बैंकों को अतिरिक्त पूंजी के रूप में 65 बिलियन अमरीकी डॉलर की आवश्यकता होगी, जो कि पहले लगाए गए अनुमान से कम है। यह बात फिच रेटिंग एजेंसी ने कही है।

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एजेंसी ने आगे कहा कि पूंजी के लिहाज से कमजोर स्थिति बैंकों की वियाबिलिटी रेटिंग पर प्रमुख रुप से नकारात्मक असर डालती है। अगर समस्या का समाधान नहीं किया गया तो यह और दबाव में आ जाएगी। फिच ने कहा, “बेसिल III मानकों, जिसे मार्च 2019 को खत्म होने वाले वित्तीय वर्ष के दौरान पूरी तरह कार्यान्वित कर दिया जाएगा, को पूरा करने के लिए भारतीय बैंकों को करीब 65 बिलियन अमेरिकी डॉलर की जरूरत होगी।”

यह यूएस-आधारित क्रेडिट रेटिंग एजेंसी के 90 अरब अमेरिकी डॉलर के पिछले अनुमान से कम है। सरकार के स्वामित्व वाले बैक जो अनुमानित कमी में से 95 फीसद की हिस्सेदारी रखते हैं के पास आवश्यक पूंजी जुटाने के लिए सीमित विकल्प हैं। फिच ने कहा, “आंतरिक पूंजी उत्पादन की संभावना कमजोर है और निवेशक का कम विश्वास इक्विटी पूंजी बाजार तक पहुंच में बाधा डालता है।”

गौरतलब है कि केंद्र सरकार मौजूदा और अगले वित्त वर्ष तक सरकारी क्षेत्र के 21 बैंकों में करीब 3 बिलियन डॉलर की अन्य राशि का निवेश करेगी।
 


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