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फिच ने भारत के रियलिटी सेक्टर आउटलुक को स्टेबल किया

फिच का कहना है कि रेरा कानून साल 2018 में कंसॉलिडेशन को बढ़ावा देगा और यह नए लॉन्च की गति को कम करने का काम जारी रखेगा

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 20 Nov 2017 05:30 PM (IST)Updated: Mon, 20 Nov 2017 06:39 PM (IST)
फिच ने भारत के रियलिटी सेक्टर आउटलुक को स्टेबल किया
फिच ने भारत के रियलिटी सेक्टर आउटलुक को स्टेबल किया

नई दिल्ली (पीटीआई)। वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत के रियल एस्टेट आउटलुक को स्टेबल कर दिया है। साथ ही उसने उम्मीद जताई है कि बिना बिके हुए स्टाक्स (यूनिट्स/अनसोल्ड इन्वेंटरी) की कीमतें अपने उच्चतम स्तर से नीचे आएंगी और क्षेत्र में नए नियामक कानून के कार्यान्वयन के बाद समेकन की स्थिति दिखाई देगी। आपको बता दें कि रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, जिसे बीते साल संसद की ओर से पास किया गया था उसे इस साल मई में लागू कर दिया गया है।

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फिच की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया, “हमें उम्मीद है कि अनसोल्ड इन्वेंटरी की कीमतें साल 2018 में कम होंगी क्योंकि अधिकांश डेवलपर्स का ध्यान रेरा अधिनियम के अंतर्गत की अपनी परियोजना को पूरा करने पर लगा हुआ है।” एजेंसी ने कहा कि सात बड़े डेवलपर्स जिन्हें नमूने में शामिल किया गया की अनसोल्ड इन्वेंट्री में इजाफा देखने को मिला है। यह इन्वेंटरी वित्त वर्ष 2016-17 के अंत तक बढ़कर 668 बिलियन रुपये के स्तर तक पहुंच गई, जो कि बीते वर्ष के दौरान 631 बिलियन रुपए रही थी।

यह बताते हुए कि रेरा कानून साल 2018 में कंसॉलिडेशन को बढ़ावा देगा, फिच ने कहा इस कानून का कार्यान्वयन नए लॉन्च की गति को कम करने का काम जारी रखेगा। ऐसा इसलिए कि डेवलपर्स का मुख्य ध्यान मौजूदा परियोजनाओं को पूरा करने में लगा हुआ है। एजेंसी की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया कि जीएसटी का लागू किया जाना सेक्टर के लिए तटस्थ था और इसने मांग को पूरी तरह से पूर्ण की जा चुकी परियोजनाओं की ओर मोड दिया, क्योंकि उन पर टैक्स की दर कम थी।


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