राजकोषीय घाटा बजट अनुमान के 92.4 फीसद पर पहुंचा
भारत का राजकोषीय घाटा अप्रैल से जुलाई की अवधि के लिए बढ़कर 5.05 लाख करोड़ रुपये हुआ
नई दिल्ली (जेएनएन)। भारत का राजकोषीय घाटा अप्रैल से जुलाई की अवधि के लिए बढ़कर 5.05 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह वित्त वर्ष 2017 के बजट अनुमान जो कि 5.45 लाख करोड़ रुपये था, का 92.4 फीसद है। यह आकड़ें गुरुवार को कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स ने जारी किए हैं।
आंकड़ों के मुताबिक बीते वर्ष की समान अवधि की तुलना में अप्रैल से जुलाई के दौरान राजकोषीय घाटे में 28.3 फीसद की तेजी देखने को मिली है। बीते वर्ष इसी अवधि में यह आंकड़ा 3.93 लाख करोड़ रुपये रहा था। अप्रैल से जून के दौरान सरकार का कुल खर्च 23.1 फीसद बढ़कर 8.08 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया है। यह आंकड़ा बीते वर्ष की समान अवधि में 6.59 लाख करोड़ रुपये रहा था। जबकि इस दौरान सरकार को 15.3 फीसद अधिक 3.03 लाख करोड़ रुपये हासिल हुए हैं।
वहीं, अप्रैल से जुलाई की अवधि के दौरान राजस्व घाटा 4.22 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो कि बीते वर्ष की समान अवधि में 3.29 लाख करोड़ रुपये रहा था। वहीं इस दौरान राजस्व खर्च 7.13 लाख करोड़ रुपये रहा है। यह बीते वर्ष इसी दौरान 5.85 लाख करोड़ रुपये रहा था।
वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान सरकार ने राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.2 फीसद पर लाने का लक्ष्य रखा है। बीते वित्त वर्ष राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.5 फीसद पर रखने के लक्ष्य को हासिल किया गया था।