ड्रीमलाइनर की सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
नई दिल्ली [संजय सिंह]। गड़बड़ी के लिए ड्रीमलाइनर एक बार फिर चर्चा में हैं। लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर बोइंग 7
नई दिल्ली [संजय सिंह]। गड़बड़ी के लिए ड्रीमलाइनर एक बार फिर चर्चा में हैं। लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर बोइंग 787 ड्रीमलाइनर में आग की घटना के बाद विश्व में सबसे उम्दा कहे जाने वाले इन विमानों की सुरक्षा को लेकर फिर सवाल खड़े हो गए हैं। इससे पहले जापान में आग की घटना के बाद बैटरियां बदलने के बाद ही दुनिया भर में इन विमानों को चलाने की अनुमति दी गई थी।
हीथ्रो में इथियोपियन एयरलाइन के ड्रीमलाइनर विमान में तब धुआं निकलने लगा जब वह रनवे पर खाली खड़ा था। यही नहीं, उसे खड़े हुए आठ घंटे हो चुके थे। अब बोइंग समेत तमाम विशेषज्ञ यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि कहीं फिर से बैटरी की वजह से ही तो आग नहीं लगी। दुनिया भर में ड्रीमलाइनर विमानों की बैटरियों को अभी कुछ समय पहले ही बदला गया था। इस घटना से पहले जापान एयरलाइन के एक ड्रीमलाइनर में सात जनवरी को आग की घटना सामने आई थी। इसके नौ दिन बाद आल निप्पन के विमान में भी बैटरी से धुआं निकलने लगा था। तब बोइंग ने जांच के बाद इन विमानों की बैटरी में खराबी की पुष्टि की थी और 17 जनवरी से दुनिया भर में चल रहे 50 ड्रीमलाइनर को खड़ा कर दिया गया था। बाद में लिथियम-आयन बैटरियां बदलने के बाद अप्रैल में इन सभी विमानों को उड़ाने की इजाजत दी गई थी। इनमें एयर इंडिया के छह ड्रीमलाइनर शामिल थे। एयर इंडिया को मई के अंत में बैटरी बदले दो विमानों को उड़ाने की हरी झंडी मिली। बाकी चार की बैटरियां जून में बदली गई। तबसे दुनिया भर में ये विमान सही सलामत उड़ रहे थे। मगर हीथ्रो वाकये ने एक बार फिर इन विमानों की सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
खास बात यह है कि हीथ्रो मामले में विशेषज्ञ बैटरी से इतर समस्या की ओर इशारा कर रहे हैं। इससे भी ज्यादा परेशानी की बात यह है कि एक दिन पहले ही फ्लोरिडा में थामसन एयरवेज के एक ड्रीमलाइनर को भी तकनीकी समस्या के कारण उड़ान बीच में छोड़कर लौटना पड़ा। थामसन ने आठ ड्रीमलाइनर खरीद रखे हैं।
बोइंग के 787 ड्रीमलाइनर विमान हल्के, चौड़ी सीटों, ज्यादा हेडरूम व लेग स्पेस के अलावा भव्यता और ज्यादा यात्रियों [285 तक] को ढोने की क्षमता के कारण आज की तारीख में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। कम ईधन खपत के कारण दुनिया भर की एयरलाइनें इन्हें खरीदने को तरजीह दे रही हैं। इन आरोपों के बावजूद कि लागत और वजन कम रखने के चक्कर में बोइंग ने इनमें सस्ते पार्ट्स का इस्तेमाल किया है।
पहला बोइंग 787 ड्रीमलाइनर आठ जुलाई, 2007 को बोइंग की इवरेट [अमेरिका] फैक्ट्री में सामने आया था। ड्रीमलाइनर की पहली कॉमर्शियल उड़ान जापान की आल निप्पन एयरवेज ने 2008 में की थी। समस्याओं के बावजूद इनकी लोकप्रियता का आलम यह है कि मई, 2013 तक बोइंग को 58 एयरलाइनों से 890 ड्रीमलाइनर के ऑर्डर मिल चुके थे। इनके सबसे बड़े खरीदारों में आल निप्पन एयरवेज, जापान एयरलाइंस, यूनाइटेड एयरलाइंस तथा एयर इंडिया शामिल हैं। एयर इंडिया ने कुल 27 ड्रीमलाइनर का ऑर्डर दे रखा है। इनमें से छह आ चुके हैं, जबकि सात दिसंबर तक आने हैं। जून तक बोइंग 66 ड्रीमलाइनर का उत्पादन कर चुकी थी।