जीएसटी रेवेन्यू बढ़ाने के लिए रणनीति बना रहा है वित्त मंत्रालय, राज्यों के साथ कर रहा है मुद्दों की पहचान
केंद्र सरकार की ओर से दो माह में एक बार केंद्र की ओर से राज्यों को दिए जाने वाले जीएसटी मुआवजे में तेज बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। जीएसटी रेवेन्यू से राज्यों को हुए नुकसान के एवज में दिए जाने वाले मुआवजे के जून-जुलाई के दौरान चार गुना होने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्रालय अब जीएसटी रेवेन्यू बढ़ाने के लिए खास रणनीति बना रहा है। साथ ही केंद्र राज्यों के साथ मिलकर उन मुद्दों की पहचान कर रहा है जो कि जीएसटी रेवेन्यू को बढ़ाने में बाधक हैं।
केंद्र सरकार की ओर से दो माह में एक बार केंद्र की ओर से राज्यों को दिए जाने वाले जीएसटी मुआवजे में तेज बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। जून और जुलाई में केंद्र ने राज्यों को मुआवजे के तौर पर 14,930 करोड़ रुपये दिए जो अप्रैल-जून में इस दौरान दिए गए 3,899 करोड़ रुपये के मुकाबले लगभग चार गुना अधिक है।
एक अधिकारी ने बताया, "जीएसटी राजस्व बढ़ाने के लिए एक रणनीति तैयार की जा रही है। हर राज्य को मुआवजे के तौर पर दी जाने वाली राशि हर माह अलग-अलग होती है। इसकी कोई स्थापित व्यवस्था नहीं है।"
यही कारण है कि राज्यों को दिया जाने वाला मुआवजा भी अलग-अलग होता है। जीएसटी कलेक्शन बढ़ाने की रणनीति पर पंजाब, हिमाचल प्रदेश, पुडुच्चेरी और जम्मू-कश्मीर के साथ पहले ही बातचीत हो चुकी है। इस महीने के अंत तक बिहार और उत्तराखंड के साथ इस बारे में बाचचीत की जाएगी। गौरतलब है कि वित्त मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष में एक लाख करोड़ रुपये जीएसटी कलेक्शन का लक्ष्य रखा है। अप्रैल महीने में यह आंकड़ा एक लाख तक पहुंच गया था।