कंपोजीशन स्कीम चुनने वालों के लिए रिटर्न प्रक्रिया हुई सरल, नहीं भरनी होंगी तमाम डिटेल
1 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले बिजनेस वस्तु एवं सेवा कर के तहत कंपोजीशन स्कीम का चुनाव कर सकते हैं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त मंत्रालय ने आज कहा है कि जिन ट्रेडर्स ने कंपोजीशन स्कीम को चुना है उन्हें अपने रिटर्न फॉर्म में कुछ डिटेल्ट उपलब्ध करवाने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म प्रणाली अब तक संचालन में नहीं आ पाई है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक, जिसमें अन्य राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं, ने जून तक के लिए रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म को रोक दिया है। मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि कंपोजीशन स्कीम का चुनाव करने वाले डीलर्स की ओर से जीएसटीआर-4 फॉर्म के जरिए त्रैमासिक रिटर्न दाखिल करने के संबंध में कुछ सवालों (कुछ संदेह) को इस बैठक में उठाया गया।
मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया, “टैक्सपेयर्स जिन्होंने कंपोजीशन स्कीम के तहत टैक्स का भुगतान करने का विकल्प चुना है, को अब जनवरी, 2018 से मार्च 2018 तक के टैक्स पीरियड के लिए जीएसटीआर-4 फॉर्म के तालिका 4 के सीरियल नंबर 4 ए में डेटा नहीं भरना होगा।”
आपको जानकारी के लिए बता दें कि 1 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले बिजनेस वस्तु एवं सेवा कर के तहत कंपोजीशन स्कीम का चुनाव कर सकते हैं। इस स्कीम का चुनाव करने वाले बिजनेसेज को एक निश्चित दर (जीएसटी दरों से अलग) पर टैक्स का भुगतान करना होता है और उन्हें जीएसटी संबंधी अन्य औपचारिकताओं को पूरा नहीं करना होता है। गौरतलब है कि वस्तु एवं सेवा कर को 1 जुलाई 2017 से ही पूरे देश में लागू किया जा चुका है।