भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.2 फीसदी रही, पहली छमाही के बाद बरकरार रहा सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था का तमगा
वित्त वर्ष 2016 की पहली छमाही के बाद देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.2 फीसदी रही है। इसके साथ ही दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था का तमगा भी बरकरार है।
नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2016 की पहली छमाही के बाद देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.2 फीसदी रही है। इसके साथ ही दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था का तमगा भी बरकरार है। यह जानकारी शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने दी है।
वित्त मंत्रालय ने जारी की समीक्षा रिपोर्ट-
देश के आर्थिक हालात पर वित्त मंत्रालय ने वार्षिक समीक्षा रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष के दौरान महंगाई की स्थिति संतोषजनक स्तर पर बनी रही। अप्रैल से अक्टूबर की अवधि में खुदरा मुद्रास्फीति 5.2 प्रतिशत और थोक मुद्रास्फीति 2.7 प्रतिशत के औसत पर रही।
साथ ही इस रिपोर्ट में यह बताया गया कि राजस्व बढ़ाने के प्रयासों और खर्च में मित्तव्ययिता बरते जाने के जरिये वित्तीय मजबूती पर जोर दिया गया। साथ ही सहयोगात्मक वित्तीय संचालन के लिए प्रशासनिक उपायों सहित मुद्रास्फीति पर अंकुश के लिए उठाए गए कदमों का वृहद आर्थिक स्थायित्व में काफी योगदान रहा है।
वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान वृहद आर्थिक स्थायित्व बहाल करने में जो सफलता मिली है उसमें और मजबूती आई है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में कमजोरी और हाल ही में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में आई तेजी के बावजूद आर्थिक वृद्धि लगातार बेहतर बनी रही है। जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के समक्ष राजकोषीय घाटे और चालू खाते के घाटे की स्थिति में सुधार हुआ है।
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में आर्थिक वृद्धि दर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान है। भारत को यह आंकड़ा दुनिया में प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनाता है। इस दौरान कृषि और संबंधित क्षेत्र की वृद्धि दर 2.5 फीसदी, उद्योग की 5.6 फीसदी और सेवाओं के क्षेत्र की 9.2 फीसदी रहने का अनुमान है। वर्ष के दौरान खुदरा मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 4.9 फीसदी रही। एक साल पहले यह 5.9 फीसदी थी।