अर्थव्यवस्था को लेकर अपनी शंकाओं से बाहर आए इंडस्ट्री, वित्त मंत्री ने किया निवेश का आग्रह
सरकार कानूनी और प्रशासनिक बदलावों के जरिए उन्हें फिर से शुरू करने के प्रयास कर रही है। वित्त मंत्री ने इंडस्ट्री को भरोसा दिया कि सरकार उनके साथ है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंडस्ट्री से देश की अर्थव्यवस्था को लेकर अपने संदेह के घेरे से निकलने को कहा है। सरकार ने बजट और उसके बाद जो निर्णय किये हैं उनके कुछ असर अब दिखना शुरू हुए हैं। वित्त मंत्री ने छोटे और मझोले उद्योगों से भी कहा वे अपनी कर्ज संबंधी दिक्कतों को लेकर किसी भी सरकारी बैंक की मदद ले सकते हैं।एसोचैम की सालाना बैठक में उद्योगपतियों के साथ एक पैनल डिस्कशन में हिस्सा लेते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार देश के सिस्टम को बदलने को लेकर प्रतिबद्ध है। कुछ कड़े कदम निर्णय किये हैं और यह सुनिश्चित किया है कि ये उद्योग के अनुकूल हों।
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्ष में सरकार की तरफ से उठाये गये कदमों ने भारत को पूरी दुनिया में नई पहचान दी है। इंडस्ट्री भी इस बदलाव का हिस्सा बनी है। सीतारमण ने इंडस्ट्री की 'हो पायेगा या नहीं' वाली शंका की स्थिति से बाहर आने को कहा है। उन्होंने कहा कि नकारात्मकता वाले इस मूड के साथ काम नहीं करना चाहिए। 'इससे बाहर निकलिए।' उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के ज्यादातर संकेतक खासतौर पर मैक्रो इकोनॉमी के इंडिकेटर मजबूत हो रहे हैं। महंगाई की दर नियंत्रण में है, देश में एफडीआइ का प्रवाह मजबूत बना हुआ है। विदेशी मुद्रा के भंडार रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं।
सरकारी बैंकों में भी पेशेवर तरीके से काम होने लगा है।इंडस्ट्री से भारत की ग्रोथ स्टोरी में शामिल होने को आह्वान करते हुए सीतारमण ने कहा कि विनिवेश में हिस्सा लें और सरकारी कंपनियों के लिए बोली लगाएं। सरकार नहीं चाहती कि कोई भी कारोबार बंद हो। सरकार कानूनी और प्रशासनिक बदलावों के जरिए उन्हें फिर से शुरू करने के प्रयास कर रही है। वित्त मंत्री ने इंडस्ट्री को भरोसा दिया कि सरकार उनके साथ है।
उन्होंने बजट के बाद उठाये गये कदमों का ब्यौरा भी इंडस्ट्री के सामने रखा। नकदी की समस्या को दूर करने के साथ साथ बैंकों को पेशेवर बनाने, गैर बैंकिंग कंपनियों को मदद करने, रीयल एस्टेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करने और एमएसएमई के लिए कर्ज की दिक्कत को दूर करने जैसे कई कदम गिनाये जिन्हें सरकार ने पिछले छह महीने में उठाया है।वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स कलेक्शन में पारदर्शिता और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ाया है ताकि उद्योगों और करदाताओं को परेशानी से बचाया जा सके। फेसलेस असेसमेंट की शुरुआत होने से टैक्सपेयर को होने वाली परेशानी से बचाया गया है। अभी यह इनकम टैक्स के मामले में किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि जल्दी ही इसकी शुरुआत जीएसटी में भी की जाएगी।