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देश में होगी GST की एक दर, सरकार कर रही विचार: जेटली

पिछले साल जब देश में जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) की शुरुआत की गई थी, तब इसका न्यूनतम टैक्स 5 फीसद जबकि अधिकतम टैक्स स्लैब 28 फीसद रखा गया था।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Mon, 24 Dec 2018 01:21 PM (IST)Updated: Tue, 25 Dec 2018 10:45 AM (IST)
देश में होगी GST की एक दर, सरकार कर रही विचार: जेटली
देश में होगी GST की एक दर, सरकार कर रही विचार: जेटली

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। जीएसटी को और अधिक सरल बनाए जाने की घोषणा करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि देश एकीकृत टैक्स सिस्टम की तरफ बढ़ रहा है, जिसमें कर की दर 12 से 18 फीसद के बीच रह सकती है।

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पिछले साल जब देश में जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) की शुरुआत की गई थी, तब इसका न्यूनतम टैक्स 5 फीसद जबकि अधिकतम टैक्स स्लैब 28 फीसद रखा गया था।

जेटली ने अपने ब्लॉग में लिखा है, ‘एक से अधिक टैक्स दरें इसलिए रखी गईं ताकि किसी वस्तु के दाम में बहुत ज्यादा इजाफा न हो। इससे महंगाई को काबू करने में मदद मिली।’ उन्होंने कहा, ‘भविष्य में दो मानक दरों 12 और 18 फीसद की बजाए एक आदर्श दर रखे जाने की दिशा में काम किया जा सकता है। यह दोनों दरों के बीच में कोई एक हो सकता है।’

फेसबुक पर लिखे ब्लॉग में जेटली ने कहा, ’28 फीसद वाला स्लैब खत्म हो रहा है।’ फिलहाल इसमें 28 आइटम्स हैं जो कि लग्जरी और सिगरेट-शराब जैसे उत्पाद हैं। उन्होंने कहा कि एसी और सीमेंट अभी भी 28 फीसद वाले स्लैब में हैं। 

वित्त मंत्री ने कहा, ‘जीएसटी को लेकर हुए बदलाव की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब हम लग्जरी और सिन गुड्स (सिगरेट, शराब, तंबाकू) को छोड़कर 28 फीसद वाले स्लैब को खत्म कर रहे हैं।’

जेटली ने कहा कि देश में शून्य फीसद, पांच फीसद और लग्जरी और तंबाकू-शराब जैसे सामानों के लिए एक टैक्स स्लैब के बारे में विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि केवल सीमेंट और ऑटो पार्ट्स जैसे सामान को 28 फीसद वाले स्लैब में रखा गया है और भविष्य में हमारी प्राथमिकता सीमेंट को भी कम दर वाले स्लैब में लाने की है।

वित्त मंत्री ने कहा कि घर बनाने के लिए जरूरी अन्य सामानों को पहले ही 28 फीसद से निकालकर 18 और 12 फीसद वाले स्लैब में रखा जा चुका है। उन्होंने कहा कि कुल 1,216 सामानों में से 183 सामानों को शून्य फीसद वाले स्लैब में रखा गया है जबकि 308 सामानों को पांच फीसद, 178 को 12 फीसद और 517 सामानों को 18 फीसद वाले स्लैब में रखा गया है। वहीं 28 फीसद वाले स्लैब में अब महज 28 सामान ही बच गए हैं, जिसमें केवल लग्जरी सामान शामिल हैं।

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