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फिक्की ने लगाया अनुमान, वित्त वर्ष 2017-18 में 7.4 फीसद रह सकती है ग्रोथ रेट

फिक्की ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 2018 में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट करीब 7.4 फीसद रह सकती है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 15 May 2017 06:12 PM (IST)Updated: Mon, 15 May 2017 06:12 PM (IST)
फिक्की ने लगाया अनुमान, वित्त वर्ष 2017-18 में 7.4 फीसद रह सकती है ग्रोथ रेट
फिक्की ने लगाया अनुमान, वित्त वर्ष 2017-18 में 7.4 फीसद रह सकती है ग्रोथ रेट

नई दिल्ली (जेएनएन)। वित्त वर्ष 2017-18 में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट करीब 7.4 फीसद रह सकती है। यह अनुमान फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ओर से मार्च और अप्रैल महीने में किए गए सर्वेक्षण लगाया गया है। इसका अधिकतम स्तर 7.6 फीसद और न्यूनतम स्तर सात फीसद रह सकता है।

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फिक्की के आर्थिक परिदृश्य सर्वेक्षण में बताया गया है, “वित्त वर्ष 2018 के दौरान कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3.5 फीसद रहेगी। साथ ही उद्योग और सर्विस सेक्टर में सुधार से भी जीडीपी को समर्थन मिलेगा। उद्योग और सर्विस सेक्टर की वृद्धि दर क्रमश: 6.9 फीसद और 8.4 फीसद रहेगी।”

आपको बता दें कि यह सर्वेक्षण उद्योग से जुड़े अर्थशास्त्रियों के बीच किया गया है, जो उद्योग, बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर से जु़ड़े थे। सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों का मानना है कि नोटबंदी के बाद की नोटों की किल्लत अब खत्म हो चुकी है। साथ ही उपभोग में भी तेजी वापस लौटने लगी है, इसमें आगे और तेजी बरकार रहने की उम्मीद की जा रही है।

इसके अलावा भारत के मौसम विभाग ने मानसून समय पर आने और सामान्य रहने का अनुमान लगाया है। पहले की रिपोर्ट्स में अलनीनो के प्रभाव के कारण मानसून कमजोर रहने की आशंका जताई गई थी। सर्वेक्षण के आए नतीजों के अनुसार, वित्त वर्ष 2010 के दौरान उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) की दर 4.8 फीसद रहने का अनुमान है, जिसकी अधिकतम दर 5.3 फीसद और न्यूनतम दर चार फीसद रहने का अनुमान लगाया गया है।


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