होटल-रेस्तरां सेक्टर के लिए प्रधानमंत्री से विशेष राहत पैकेज की मांग
महामारी के कारण लगभग पांच करोड़ नौकरियां चली गई हैं। उसके मुताबिक महामारी की ताजा लहर ने इस असर को और बढ़ा दिया है। समस्याओं और पर्याप्त सरकारी समर्थन ...और पढ़ें

नई दिल्ली, पीटीआइ। आतिथ्य उद्योग निकाय एफएचआरएआई ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र के लिए एक विशेष राहत पैकेज समर्थन की मांग की है ताकि इस क्षेत्र को जीवित रखा जा सके। भारतीय होटल एवं रेस्तरां महासंघ (एफएचआरएआई) ने आतिथ्य क्षेत्र को कोविड-19 के कारण सबसे अधिक संकटग्रस्त बताते हुए कहा कि आतिथ्य उद्योग ने 1.40 लाख करोड़ रुपये के नुकसान की सूचना दी है और महामारी के कारण लगभग पांच करोड़ नौकरियां चली गई हैं। उसके मुताबिक, महामारी की ताजा लहर ने इस असर को और बढ़ा दिया है। समस्याओं और पर्याप्त सरकारी समर्थन के बिना इस क्षेत्र में कई और प्रतिष्ठान अपनी दुकान बंद करने के लिए मजबूर होंगे।
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एफएचआरएआई के उपाध्यक्ष गुरबख्श सिंह कोहली ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में इस क्षेत्र में भय और चिंता का माहौल है। उद्योग द्वारा परिचालन को फिर से खोलने और फिर से शुरू करने के लिए महत्वपूर्ण पूंजी लगाई गई है। इसके अलावा, कर्मचारियों को वापस लाने के लिए बहुत प्रयास किए गए हैं।
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इस पत्र के मुताबिक, "पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में अभूतपूर्व स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री इसे 'कोविड-19 के कारण सबसे अधिक संकटग्रस्त क्षेत्र' करार दें और क्षेत्र-आधारित विशेष राहत पैकेज देकर इसे जीवंत बनाने में मदद करें।"
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होटल उद्योग के अनुमान के अनुसार, महामारी की पहली दो लहरों से उद्योग को वित्तीय नुकसान इतना गंभीर था कि देश में लगभग 30 प्रतिशत होटल और रेस्तरां स्थायी रूप से बंद हो गए और शेष प्रतिष्ठान आज भी घाटे में चल रहे हैं।

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