अमेरिका में ब्याज दर वृद्धि से बाजारों में मंदी हावी
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत ब्याज दरों में 25 आधार अंक की बढ़ोतरी के चलते गुरुवार को घरेलू शेयर बाजारों में मंदी छाई रही।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत ब्याज दरों में 25 आधार अंक की बढ़ोतरी के चलते गुरुवार को घरेलू शेयर बाजारों में मंदी छाई रही। कच्चे तेल के बढ़ते दाम और सितंबर महीने की फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफएंडओ) की एक्सपायरी की वजह से भी निवेशकों ने लिवाली में दिलचस्पी नहीं ली। इस नकारात्मक माहौल में बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 218.10 अंक यानी 0.60 फीसद फिसलकर 36,324.17 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला निफ्टी गुरुवार को 76.25 अंक यानी 0.69 फीसद टूटकर 10,977.55 अंक पर स्थिर हुआ।
सेंसेक्स में यह लगातार दूसरे कारोबारी सत्र की, और इस सप्ताह तीसरे सत्र की गिरावट थी। जानकारों के मुताबिक यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा इस वर्ष लगातार तीसरी बार ब्याज दर बढ़ाए जाने के बाद निवेशकों का रुख नकारात्मक हो गया। इतना ही नहीं, अमेरिका के केंद्रीय बैंक ने कहा है कि वह इस वर्ष दिसंबर में एक, अगले वर्ष तीन तथा वर्ष 2020 की शुरुआत में एक और ब्याज दर बढ़ोतरी की संभावनाएं देख रहा है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में बढ़ोतरी ने भी निवेशकों का रुख नकारात्मक रखा।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआइ) ने भारतीय शेयर बाजारों से निकलना जारी रखा है। प्रारंभिक आंकड़ों के मुताबिक पिछले कारोबारी सत्र में एफपीआइ ने 809.95 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। हालांकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआइआइ) ने 1,555.44 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की खरीदारी की।
सेंसेक्स पैक में गुरुवार को सबसे ज्यादा 9.14 फीसद नुकसान यस बैंक के शेयरों को हुआ। मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, यस बैंक, कोटक बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक, एलएंडटी और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर भी टूटे। हालांकि टीसीएस, कोल इंडिया, एशियन पेंट्स और इन्फोसिस जैसे स्टॉक्स में हुई लिवाली ने सेंसेक्स को और बड़ी गिरावट से बचा लिया।
एटीएफ यानी विमान ईंधन पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी के चलते गुरुवार को विमानन शेयरों में तेज बिकवाली देखी गई। एशिया के अन्य सभी प्रमुख बाजार गिरकर बंद हुए। यूरोप में लंदन के एफटीएसई को छोड़कर ज्यादातर बड़े शेयर बाजारों पर सुस्ती छाई रही।