50 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा एफडीआइ, सबसे ज्यादा सिंगापुर से आया प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
पिछले वित्त वर्ष (2019-20) में 13 फीसद की वृद्धि के साथ देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) 49.97 अरब डॉलर (करीब 3.75 लाख करोड़ रुपये) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार की मेक इन इंडिया पहल में विदेशी कंपनियों का बढ़ता भरोसा आंकड़ों से भी स्पष्ट हो रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष (2019-20) में 13 फीसद की वृद्धि के साथ देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) 49.97 अरब डॉलर (करीब 3.75 लाख करोड़ रुपये) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2018-19 में 44.36 अरब डॉलर का एफडीआइ आया था। री-इन्वेस्टेड अर्निंग और अन्य कैपिटल समेत 2019-20 में कुल एफडीआइ साल भर पहले के 62 अरब डॉलर से बढ़कर 73.45 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह बढ़ोतरी 18 फीसद की रही है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2015-16 के बाद से एफडीआइ में यह सर्वाधिक तेजी से हुई बढ़ोतरी है। 2015-16 में एफडीआइ में 35 फीसद का उछाल आया था। 2000-01 में जब इस संबंध में पहली बार डाटा जारी किया गया था, तब से यह देश में आया सबसे ज्यादा विदेशी निवेश है। आंकड़े जारी होने के बाद वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया, 'मेक इन इंडिया में भरोसे का एक और प्रमाण देते हुए 2019-20 में देश में एफडीआइ 18 फीसद बढ़कर 73 अरब डॉलर पर पहुंच गया। 2013-14 की तुलना में कुल एफडीआइ दोगुना हो गया है। उस समय यह मात्र 36 अरब डॉलर था। इस निवेश से रोजगार सृजन होगा।'
वित्त वर्ष 2019-20 में सर्विस सेक्टर में सर्वाधिक 7.85 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया। कंप्यूटर सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर सेक्टर में 7.67 अरब डॉलर, टेलीकम्युनिकेशन में 4.44 अरब डॉलर, ट्रेडिंग में 4.57 अरब डॉलर, ऑटोमोबाइल में 2.82 अरब डॉलर, कंस्ट्रक्शन में दो अरब डॉलर और रसायन सेक्टर में एक अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया। भारत में निवेश के मामले में सिंगापुर लगातार दूसरे साल सबसे आगे रहा।
पिछले वित्त वर्ष में सिंगापुर से 14.67 अरब डॉलर का एफडीआइ भारत आया। हालांकि वित्त वर्ष 2018-19 में सिंगापुर से आए 16.22 अरब डॉलर के निवेश की तुलना में यह कम है। सिंगापुर के बाद 8.24 अरब डॉलर के साथ मॉरिशस दूसरे, 6.5 अरब डॉलर के साथ नीदरलैंड्स तीसरे और 4.22 अरब डॉलर के साथ अमेरिका चौथे स्थान पर रहा। भारत जिस तरह से अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को गति देने का लक्ष्य लेकर चल रहा है, उसे देखते हुए एफडीआइ का बढ़ना बहुत अहम है।