साल 2021-22 में FDI इक्विटी इनफ्लो 1% की गिरावट के साथ 58.77 अरब डॉलर रहा
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत में एफडीआई इक्विटी प्रवाह 2021-22 के दौरान एक प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 58.77 अरब डॉलर रहा है। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) के आंकड़ों से पता चला है कि 2020-21 के दौरान FDI इक्विटी प्रवाह 59.63 बिलियन अमरीकी डॉलर था।
नई दिल्ली, पीटीआइ/बिजनेस डेस्क। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत में एफडीआई इक्विटी प्रवाह 2021-22 के दौरान एक प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 58.77 अरब डॉलर रहा है। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) के आंकड़ों से पता चला है कि 2020-21 के दौरान FDI इक्विटी प्रवाह 59.63 बिलियन अमरीकी डॉलर था। हालांकि, भारत में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) 2021-22 में 2 प्रतिशत बढ़कर "अब तक का सबसे अधिक" 83.57 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है। बता दें कि कुल एफडीआई प्रवाह में इक्विटी इनफ्लो, इनवेस्टेड लर्निंग और अन्य पूंजी शामिल हैं।
आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 के दौरान सिंगापुर 15.87 बिलियन अमरीकी डालर के निवेश के साथ शीर्ष पर था। इसके बाद अमेरिका (10.55 अरब डॉलर), मॉरीशस (9.4 अरब डॉलर), नीदरलैंड (4.62 अरब डॉलर), केमैन आइलैंड्स (3.81 अरब डॉलर) और यूके (1.65 अरब डॉलर) का स्थान रहा।
वहीं, अगर सेक्टर्स की बात करें तो पिछले वित्त वर्ष के दौरान कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर सेक्टर ने सबसे अधिक 14.5 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश आकर्षित किया। इसके बाद सर्विसेस (7.1 अरब अमेरिकी डॉलर), ऑटोमोबाइल उद्योग (7 अरब अमेरिकी डॉलर), ट्रेडिंग (4.5 अरब अमेरिकी डॉलर), निर्माण (बुनियादी ढांचा) (3.3 अरब अमेरिकी डॉलर) और फार्मा (1.4 अरब डॉलर) का स्थान रहा।
सात महीने से बिकवाल बने हैं एफपीआइ
घरेलू शेयर बाजारों में एफपीआइ बीते सात महीनों से लगातार बिकवाल बने हुए हैं। इस दौरान एफपीआइ 1.65 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं। हालांकि, अप्रैल के पहले सप्ताह में एफपीआइ ने 7,707 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था लेकिन इसके बाद फिर से उनकी द्वारा बिकवाली की गई और अब वह शुद्ध विक्रेता बने हुए हैं।
मई में भी बिकवाली जारी
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, प्रत्यक्ष विदेशी निवेशकों (एफपीआइ) ने मई में अब तक घरेलू इक्विटी बाजारों से 35,137 हजार करोड़ रुपये की निकासी की है। यह निकासी दो से 20 मई के दौरान की गई है।