Move to Jagran APP

FASTag से टोल संग्रह में सालाना 15,000 करोड़ रुपये तक बढ़ोतरी की उम्मीद

पहले जहां रोजाना लगभग 66 करोड़ रुपये का टोल संग्रह होता था। वहीं अब हर रोज टोल से 86 करोड़ रुपये प्राप्त हो रहे हैं इसका मतलब हर महीने 600 करोड़ और हर साल 7200 करोड़ रुपये का इजाफा

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 09:04 AM (IST)Updated: Wed, 18 Dec 2019 09:04 AM (IST)
FASTag से टोल संग्रह में सालाना 15,000 करोड़ रुपये तक बढ़ोतरी की उम्मीद

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। फास्टैग की व्यवस्था सुकून के साथ-साथ टोल संग्रह बढ़ाने में भी सहायक साबित हो रही है। अभी तक के आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो सभी टोल प्लाजा के फास्टैग अनुकूल होने तथा हाईवे पर चलने वाले सभी वाहनों में फास्टैग लगने से एनएचएआइ के टोल संग्रह में सालाना 15 हजार करोड़ रुपये तक की बढ़ोतरी की उम्मीद है। सड़क मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, पिछले एक महीने में एनएचएआइ ने राष्ट्रीय राजमार्गो के अपने सभी 502 टोल प्लाजाओं में से 90 फीसद टोल प्लाजाओं को फास्टैग के अनुकूल बना दिया है।

loksabha election banner

अब केवल 50 ऐसे टोल प्लाजा को फास्टैग अनुकूल बनाने का काम बाकी है जो पीडब्ल्यूडी के अधीन आते हैं और जहां इलेक्ट्रॉनिक के बजाय पुरानी तकनीक से मैन्युअल टोल संग्रह हो रहा था। इस बीच 22 नवंबर को सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की फास्टैग अनिवार्यता संबंधी प्रेस कांफ्रेंस के बाद राष्ट्रीय राजमार्गो पर चलने वाले तकरीबन पचास फीसद वाहन चालकों ने अपने वाहनों में फास्टैग लगा लिए हैं। इतने से ही एनएचएआइ के दैनिक टोल संग्रह में 20 करोड़ रुपये का इजाफा हो गया है।

पहले जहां रोजाना लगभग 66 करोड़ रुपये का टोल संग्रह होता था। वहीं अब हर रोज टोल से 86 करोड़ रुपये प्राप्त हो रहे हैं। इसका मतलब हर महीने 600 करोड़ और हर साल 7200 करोड़ रुपये का इजाफा। स्पष्ट है कि जब शत-प्रतिशत वाहनों में फास्टैग लग जाएगा तब एनएचएआइ को हर साल टोल संग्रह से 14,400 करोड़ रुपये की अतिरिक्त रकम हासिल होगी।

अभी एनएचएआइ का औसत दैनिक टोल संग्रह लगभग 66 करोड़, मासिक 2200 करोड़ और वार्षिक टोल संग्रह करीब 24 हजार करोड़ रुपये है। सड़क मंत्रलय के अधिकारियों के अनुसार फास्टैग से पहले के टोल संग्रह के आंकड़ों को सही नहीं माना जा सकता क्योंकि कैश भुगतान में बड़े पैमाने पर अंडर रिपोर्टिग होती थी। अर्थात टोल संग्रहकर्ता कांट्रैक्टर जितना संग्रह करते थे, उतना रिकॉर्ड पर दिखाते नहीं थे।

अनुमान है कि लगभग 20 फीसद कम टोल संग्रह दर्शाया जाता था। फास्टैग लागू होने से अंडर रिपोर्टिग पर पूरी तरह अंकुश लग जाएगा। इसके अलावा 15 जनवरी अथवा उसके बाद जब बिना फास्टैग वाले वाहनों से दोगुना टोल वसूलने का नियम सख्ती से लागू होगा तब राष्ट्रीय राजमार्गो पर चलने वाले सभी वाहनों से टोल कलेक्ट होगा और धौंसपट्टी या रसूख के बल पर टोल न देने वाले भी इससे बच नहीं पाएंगे। इससे टोल संग्रह में और बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

आ रही हैं कुछ दिक्कतें

इस बीच कुछ टोल प्लाजाओं पर तकनीकी समस्याओं के अलावा कई टोल प्लाजाओं पर फास्टैग लेन में बिना फास्टैग वाहनों के प्रवेश करने और फिर दोगुना टोल देने की नौबत पर बहस और झगड़े-झंझट की घटनाएं देखने-सुनने में आ रही हैं। कुछ जगहों पर कैश के लिए एक चौथाई से कम लेन खोले जाने को लेकर बवाल हो रहा है। एनएचएआइ के अधिकारियों ने इन्हें शुरुआती समस्याएं कहा है, जो धीरे-धीरे समाप्त हो जाएंगीं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.