Move to Jagran APP

फेसबुक की इंडिया पॉलिसी हेड अंखी दास ने दिया इस्तीफा, हेट स्पीच को बढ़ावा देने के लगे थे आरोप

विवादों में रही फेसबुक की इंडिया पॉलिसी हेड अंखी दास ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अंखी दास नफरत फैलाने वाली टिप्पणियों पर रोक लगाने के मामले में कथित तौर पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने को लेकर विवादों में रही थीं।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 09:24 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 07:37 AM (IST)
फेसबुक की इंडिया पॉलिसी हेड अंखी दास ने दिया इस्तीफा, हेट स्पीच को बढ़ावा देने के लगे थे आरोप
फेसबुक की इंडिया पॉलिसी हेड रही अंखी दास की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, पीटीआइ। विवादों में रही फेसबुक की इंडिया पॉलिसी हेड अंखी दास ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अंखी दास नफरत फैलाने वाली टिप्पणियों पर रोक लगाने के मामले में कथित तौर पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने को लेकर विवादों में रही थीं। अंखी दास पर आरोप लगे थे कि उन्होंने भाजपा और दूसरे दक्षिण पंथी संगठनों के नफरत फैलाने वाले बयानों पर रोक लगाने से जुड़े नियमों को लागू करने का कथित रूप से विरोध किया था।

loksabha election banner

भारत में फेसबुक के प्रबंध निदेशक अजीत मोहन कहा, ‘अंखी दास ने फेसबुक में अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला लिया है। अंखी दास ने जनसेवा के लिए काम करने के उद्देश्य से इस्तीफा देने का यह फैसला लिया है। अंखी हमारे उन पुराने कर्मचारियों में शामिल हैं, जिन्होंने भारत में कंपनी को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। वे बीते 9 वर्ष से अधिक समय से कंपनी में अपनी सेवाएं दे रही थीं।’

अजीत मोहन ने आगे कहा, ‘अंखी दास बीते दो साल से मेरी टीम का हिस्सा थीं। उन्हें जो भूमिका दी गयी, उसमें उन्होंने बेहतरीन योगदान दिया। हम कंपनी में उनकी सेवा के आभारी हैं और दास को भविष्य के लिये शुभकामनाएं प्रदान करते हैं।’

दास ने आरोप लगने के करीब ढाई महीने बाद अपने पद से इस्तीफा दिया है। दास ने कहा कि उन्होंने जन सेवा में अपनी व्यक्तिगत रूचि के अनुसार काम कर सकने के लिए फेसबुक से इस्तीफा देने का फैसला लिया है।

यहां आपको बता दें कि दास को लेकर विवाद 15 अगस्त को वाल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद शुरू हुआ था। इस रिपोर्ट में उन पर भाजपा और अन्य हिंदू संगठनों से जुड़े नेताओं की नफरत फैलाने वाली टिप्पणियों के खिलाफ कार्रवाई को बाधित करने का आरोप लगाया गया था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि दास ने साल 2012 के विधानसभा चुनावों के लिये भाजपा को सोशल मीडिया अभियान के लिये प्रशिक्षित किया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.