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Credit Suisse पर क्यों मंडरा रहा ताला लटकने का खतरा, कैसे इस स्थिति तक पहुंची ये ताकतवर संस्था

Credit Suisse Crisis स्विट्जरलैंड का क्रेडिट सुइस इन दिनों मुश्किलों में घिरा हुआ है। बैंक को बचाने के लिए स्विस नेशनल बैंक ने 54 अरब डॉलर का लोन देने के फैसला किया गया है। आखिर बैंक कैसे इस स्थिति में पहुंचा। आइए जानते हैं...(जागरण फाइल फोटो)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaPublished: Fri, 17 Mar 2023 02:00 PM (IST)Updated: Fri, 17 Mar 2023 03:17 PM (IST)
Credit Suisse पर क्यों मंडरा रहा ताला लटकने का खतरा, कैसे इस स्थिति तक पहुंची ये ताकतवर संस्था
Why is Credit Suisse Stock Falling Explained?

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। यूरोपीय बैंक क्रेडिट सुइस इन दिनों दुनिया के बैंकिंग सिस्टम के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है। बैंक लगातार बड़ा नुकसान रिपोर्ट कर रहा है और इस कारण बैंक के शेयर में पिछले दिनों बड़ी गिरावट हुई थी। वहीं, लोगों को लग रहा है कि अगर समय रहते सही कदम न उठाएं गए, तो इस बैंक का हाल भी अमेरिका के SVB और सिग्नेचर बैंक जैसा हो सकता है।

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बैंक की वित्तीय स्थिति को देखते हुए स्विस नेशनल बैंक ने 54 अरब डॉलर का लोन देने के फैसला किया गया है, जिसके बाद क्रेडिट सुइस के सीईओ उलरिच कोर्नर ने कहा कि बैंक जल्द ही अधिक केंद्रित और कम जोखिम वाला होगा। हम मुनाफे में भी आएंगे और शेयरधारकों को रिवार्ड भी देंगे।

क्रेडिट सुइस की खराब वित्तीय स्थिति

क्रेडिट सुइस की ओर से 14 मार्च को जारी की गई 2022 की एनुअल रिपोर्ट में बताया गया कि बैंक ने फाइनेंशियल रिपोर्टिंग में कुछ कमजोरियों की पहचान की है।

ये कमजोरियां ऐसे समय पर सामने आई, जब घोटालों की वजह से क्रेडिट सुइस पर ग्राहकों और निवेशकों दोनों का विश्वास घट रहा है। बैंक ने बताया कि चौथी तिमाही में ग्राहकों ने बैंक से 110 अरब स्विस फ्रैंक शुद्ध निकासी की है।  2021 अंत तक क्रेडिट सुइस के पास 1.6 ट्रिलियन स्विस फैंक की संपत्ति और 50,000 कर्मचारी थे।

कैसे मुश्किलों में घिरा क्रेडिट सुइस

2019 में खुलासा हुआ था कि चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर पियरे-ओलिवियर बौई ने उच्च स्तरीय कर्मचारियों की जासूसी करने के लिए निजी जांचकर्ताओं को काम पर रखा था, जिसके बाद उन्हें कंपनी से निकाल दिया गया था।

इसके बाद बैंक का नाम आर्किगोस स्कैंडल में सामने आया। साथ ही ग्रीन्सिल कैपिटल को प्रदान किए गए 10 अरब डॉलर मूल्य के कई निवेशक फंडों को बंद और लिक्विडेट कर दिया गया। ग्रीन्सिल कैपिटल 2021 में दिवालिया घोषित हो गया। इस कारण निवेशकों को करीब 3 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था।

एक लीक से खुलासा हुआ था कि बैंक के पास करीब 30,000 ऐसे ग्राहक हैं, जिन्होंने धन ड्रग, मनी लांड्रिंग, भ्रष्टाचार और क्राइम के जरिए हासिल किया है। इसने निवेशकों की चिंता को बढ़ा दिया।

2025 में आएगा आईपीओ

क्रेडिट सुइस के सीईओ उलरिच कोर्नर ने बताया कि बैंक को मुनाफे में लाने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। बैंक की योजना उसके इन्वेस्टमेंट बैंक फर्स्ट बोस्टन का 2025 तक आईपीओ लाने की है। इसमें बड़े लेंडर्स को 20 प्रतिशत का शेयर भी दिया जाएगा।

भारत के बैंकिंग सिस्टम पर क्या होगा असर

जानकारों का कहना है कि क्रेडिट सुइस के संकट में आने का असर भारत पर कुछ खास नहीं होगा, क्योंकि इस बैंक की भारत में काफी कम मौजूदगी है। हालांकि, सिलिकॉन वैली बैंक के मुकाबले इस बैंक का महत्व अधिक है।

 


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