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डगमगाते विमानन सेक्टर को लगा महंगे ईंधन का एक और झटका

जेट एयरवेज की उड़ाने बंद होने से इंडिगो विस्तारा और स्पाइसजेट को अच्छा-खासा फायदा हो रहा है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Thu, 02 May 2019 09:37 AM (IST)Updated: Thu, 02 May 2019 09:37 AM (IST)
डगमगाते विमानन सेक्टर को लगा महंगे ईंधन का एक और झटका
डगमगाते विमानन सेक्टर को लगा महंगे ईंधन का एक और झटका

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। एविएशन टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) यानी विमानन ईंधन के दाम में लगातार हो रही बढ़ोतरी से पहले से दबावग्रस्त भारतीय विमानन उद्योग की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। जेट एयरवेज की उड़ाने बंद हो चुकी हैं, जबकि एयर इंडिया सरकारी मदद के बूते सांस ले रही है। ऐसे में यदि हालात जल्दी नहीं सुधरे तो इंडिगो, विस्तारा और स्पाइसजेट जैसी मजबूत दिख रही कंपनियों की हालत भी बिगड़ सकती है।

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बुधवार को तेल कंपनियों ने एटीएफ के दाम फिर बढ़ा दिए। इस बार दामों में 2.5 फीसद अर्थात 1,595.63 रुपये प्रति किलोलीटर की बढ़ोतरी की गई है। इससे अब दिल्ली में एक किलोलीटर (एक हजार लीटर) एटीएफ के लिए विमानन कंपनियों को 65,067.85 रुपये, जबकि मुंबई में 65,029.29 रुपये का भुगतान करना पड़ेगा। दो महीनों के भीतर एटीएफ की कीमत में हुई यह तीसरी बढ़ोतरी है। इस वर्ष पहली अप्रैल को एटीएफ 677.10 रुपये यानी करीब लगभग 0.92 फीसद महंगा हुआ था, जबकि पहली मार्च को इसमें 4,734.15 रुपये यानी 8.1 फीसद की बड़ी बढ़ोतरी की गई थी।

एटीएफ के दाम में बढ़ोतरी ऐसे वक्त में हुई है, जब जेट एयरवेज की उड़ाने बंद होने से यात्रियों पर बढ़ते हवाई किराए का जबर्दस्त दबाव है। विमानन कंपनियां ऐसी हालत में नहीं हैं कि बढ़ती लागत का बोझ वहन कर सकें। विमानन कंपनियों की कुल लागत में ईंधन पर सर्वाधिक 40 फीसद की हिस्सेदारी है। एटीएफ की महंगाई का इस पर सीधा असर पड़ता है। जाहिर है कि बढ़ती गर्मी के साथ हवाई किरायों की तपिश और बढ़ेगी।

पायलट-केबिन क्रू की कमी: दूसरी समस्या पायलटों और केबिन क्रू की है, जिनकी एयर इंडिया के पास फिलहाल भारी कमी है। हालांकि इस कमी को दूर करने के लिए एयर इंडिया प्रबंधन जेट एयरवेज के ढाई सौ पायलटों व केबिन क्रू सदस्यों को भर्ती करने पर विचार कर रहा है। लेकिन जेट के पांच बी-777 विमान लीज पर लेने की योजना को लेकर प्रबंधन पशोपेश में है। इन हालातों में एयर इंडिया को मौजूदा बाजार स्थितियों का अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है।

एयर इंडिया पर बढ़ा दबाव: इस बीच जेट एयरवेज की उड़ाने बंद होने से इंडिगो, विस्तारा और स्पाइसजेट को अच्छा-खासा फायदा हो रहा है। लेकिन विमानों की कमी के कारण सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया इस मौके का विशेष लाभ नहीं उठा पा रही है। करीब 127 विमानों के विशाल बेड़े वाली एयर इंडिया के 20 विमान तकनीकी समस्याओं के कारण खड़े हैं। वित्तीय संकट का सामना कर रही एयर इंडिया इन विमानों को दुरुस्त कराने की भी हालत में नहीं है। इनमें ए-320 नियो श्रेणी के 14, बी-787-800 ड्रीमलाइनर श्रेणी के चार तथा बी-777 श्रेणी दो विमान हैं। इनकी मरम्मत के लिए कम से कम 1500 करोड़ रुपये चाहिए।

नए कैंसिलेशन नियम: इधर नए पैसेंजर चार्टर के मद्देनजर एयर इंडिया ने बुधवार से नए कैंसिलेशन नियम लागू करने का एलान किया है। इनके मुताबिक अब एयर इंडिया की बुकिंग कराने के 24 घंटे के भीतर टिकट कैंसिल कराने या तारीख व समय बदलवाने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। लेकिन इसके बाद एयर इंडिया अपनी मर्जी के मुताबिक निर्धारित शुल्क वसूलेगी। बुकिंग से सात दिन के भीतर होने वाली उड़ानो पर शुल्क से माफी के नियम लागू होंगे।


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