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दिसंबर बैठक में ब्याज दरों में फेरबदल के पक्ष में नहीं थे पूर्व RBI गवर्नर पटेल

मॉनीटरी पॉलिसी कमिटी (एमपीसी) के सभी 6 सदस्यों ने नीतिगत दरों को यथावत रखने के पक्ष में वोट किया था

By Praveen DwivediEdited By: Published: Thu, 20 Dec 2018 09:56 AM (IST)Updated: Thu, 20 Dec 2018 10:47 AM (IST)
दिसंबर बैठक में ब्याज दरों में फेरबदल के पक्ष में नहीं थे पूर्व RBI गवर्नर पटेल
दिसंबर बैठक में ब्याज दरों में फेरबदल के पक्ष में नहीं थे पूर्व RBI गवर्नर पटेल

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल ने इस महीने हुई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में नीतिगत दर को यथावत रखने का समर्थन किया था। उनके इस फैसले के पीछे वजह मध्यम अवधि में मुद्रास्फीति परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता थी। हालांकि उन्होंने उपयुक्त समय में मौद्रिक रुख में नरमी की संभावना भी जताई थी।

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मॉनीटरी पॉलिसी कमिटी (एमपीसी) के सभी 6 सदस्यों ने नीतिगत दरों को यथावत रखने के पक्ष में वोट किया था। यह जानकारी बुधवार को आरबीआई की ओर से जारी किए गए एमपीसी मीटिंग के मिनट्स में सामने आई है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि आरबीआई ने इस बैठक में रेपो रेट को 6.50 फीसद पर बरकरार रखा था। यह बैठक 3 से 5 दिसंबर तक चली थी।

पटेल के हवाले से इस बैठक के मिनट्स में कहा गया, "हालांकि मुद्रास्फीति में वृद्धि की दर संशोधित कर कम की गई है लेकिन इसके बावजूद कई अनिश्चितताएं अब भी बनी हुई हैं। खासकर खाद्य मुद्रास्फीति एवं तेल की कीमतों को लेकर मध्यम अवधि के परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता है। इसीलिए मैं नीतिगत दर को यथावत रखने के पक्ष में मतदान करता हूं।’’

वहीं आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य का भी यही मानना था कि हालांकि महंगाई दर में वृद्धि अनुमान को संशोधित कर कम किया गया है, लेकिन इसके ऊपर जाने का जोखिम बना हुआ है।


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