चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान इक्विटी निवेशकों की संपत्ति 25.46 लाख करोड़ रुपये बढ़ी
पहली अप्रैल से 30 जून तक की अवधि यानी चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान इक्विटी निवेशकों की कमाई में 2546954.71 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। पहली तिमाही के आखिर तक बीएसई का 30-शेयरों वाला प्रमुख सूचकांक 2973.56 अंक यानी लगभग छह फीसद मजबूत हो चुका है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना की दूसरी लहर ने कारोबार जगत को भले ही नुकसान पहुंचाया हो, घरेलू शेयर बाजारों पर इसका कोई नकारात्मक असर नहीं दिखा है। इस वर्ष पहली अप्रैल से 30 जून तक की अवधि यानी चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान इक्विटी निवेशकों की कमाई में 25,46,954.71 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। पहली तिमाही के आखिर तक बीएसई का 30-शेयरों वाला प्रमुख सूचकांक 2,973.56 अंक यानी लगभग छह फीसद मजबूत हो चुका है।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान घरेलू शेयर बाजारों की यह उपलब्धि इसलिए और महत्वपूर्ण है, क्योंकि बहुत से राज्यों में इस तिमाही का एक बड़ा हिस्सा लॉकडाउन के साये में बीता है। इसी तिमाही में बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 15 जून को 2,31,58,316.92 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर तक पहुंचा।
वहीं, इस अवधि में 24 मई को बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण पहली बार तीन लाख करोड़ डॉलर यानी करीब 220 लाख करोड़ रुपये के पार गया। इतना ही नहीं, 25 जून को बीएसई का सेंसेक्स 52,925.04 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर बंद हुआ और 28 जून को इंट्रा-डे में 53,126.73 के शीर्ष स्तर तक पहुंचा।
जहां तक पिछले वित्त वर्ष का सवाल है तो उस दौरान बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में एक वर्ष पहले के मुकाबले 90,82,057.95 करोड़ रुपये बढ़कर 2,04,30,814.54 करोड़ रुपये हो गया था। पिछले वित्त वर्ष में भी कोरोना संकट का घरेलू शेयर बाजारों पर कोई असर नहीं दिखा और पूरे वित्त वर्ष के दौरान बीएसई सेंसेक्स 20,040.66 अंक यानी 68 फीसद मजबूत हुआ।
जानकारों का कहना है कि राज्यों में लॉकडाउन की करीब-करीब समाप्ति और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने के चलते घरेलू शेयर बाजारों के प्रमुख सूचकांक इस वक्त अपने उच्च स्तर के आसपास चल रहे हैं। इसमें बीते वित्त वर्ष के लिए कंपनियों की उम्मीद से बेहतर कमाई तथा हाल के दिनों में टीकाकरण अभियान में तेजी का भी बड़ा योगदान रहा है।