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देश के इन तीन राज्यों में बिना आधार के मिलेगा यूएएन, जानिए इसकी वजह

वर्तमान में ईपीएफओ का सब्सक्राइबर बेस पांच करोड़ से अधिक का है

By Surbhi JainEdited By: Published: Thu, 30 Aug 2018 12:43 PM (IST)Updated: Sat, 01 Sep 2018 10:08 AM (IST)
देश के इन तीन राज्यों में बिना आधार के मिलेगा यूएएन, जानिए इसकी वजह
देश के इन तीन राज्यों में बिना आधार के मिलेगा यूएएन, जानिए इसकी वजह

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। रिटायरमेंट फंड बॉडी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने असम, मेघालय और नागालैंड के नये आवदेकों के लिए एनरोलमेंट के लिए आधार की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। ईपीएफओ की ओर से ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि इन राज्यों में आधार की पहुंच काफी कम है।

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आधिकारिक आदेश के मुताबिक ईपीएफओ ने असम, मेघालय और नागालैंड में 23 नवंबर, 2018 तक पीएफ खाते नंबर के जनरेशन या निर्माण को बिना आधार के लिए मंजूरी दे दी है।

ईपीएफओ ने अपने आदेश में कहा, “जो कोई भी कर्मचारी ईपीएफओ के तहत पंजिकृत संस्था के साथ जुड़ता है उसके लिए आधार अनिवार्य है। हालांकि, असम, मेघालय और नागालैंड में आधार की पहुंच बेहद कम है। यूएएन बनावाने के लिए यूनिफाइड पोर्टल पर एक प्रावधान के अनुसार इन तीन राज्यों में यूएएन बिना आधार के बनवाया जा सकता है।”

गौरतलब है कि वर्तमान में ईपीएफओ का सब्सक्राइबर आधार पांच करोड़ से ज्यादा है। संगठन वर्तमान में 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के फंड का प्रबंधन कर रहा है।

EPFO ने की शुल्क में कटौती, कंपनियों के बचेंगे 900 करोड़ रुपये

ईपीएफओ ने नियोक्ताओं यानी कंपनियों के लिए प्रशासनिक शुल्क में 0.15 फीसद की कटौती का फैसला किया है। इससे पांच लाख से ज्यादा नियोक्ताओं को सालाना करीब 900 करोड़ रुपये की बचत होगी।

यह कटौती इस वर्ष पहली जून से प्रभावी होगी। इस वर्ष 21 फरवरी को ईपीएफओ के ट्रस्टी बोर्ड ने नियोक्ताओं द्वारा किए गए भुगतान में प्रशासनिक शुल्क की मात्र 0.65 फीसद से घटाकर 0.50 फीसद करने का फैसला किया था।


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