Move to Jagran APP

ईपीएफओ कायम रख सकता है 8.65 फीसद की ब्याज दर

21 फरवरी को होने जा रही ट्रस्टी बोर्ड की बैठक में ईपीएफओ पीएफ पर ब्याज दर 8.65 फीसद पर बरकरार रख सकता है

By Surbhi JainEdited By: Published: Tue, 13 Feb 2018 09:55 AM (IST)Updated: Wed, 14 Feb 2018 07:28 AM (IST)
ईपीएफओ कायम रख सकता है 8.65 फीसद की ब्याज दर

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) भविष्य निधि (पीएफ) पर ब्याज दर 8.65 फीसद पर बरकरार रख सकता है। 21 फरवरी को होने जा रही ट्रस्टी बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया जा सकता है। इससे ईपीएफओ के करीब पांच करोड़ अंशधारकों को फायदा मिलेगा।

loksabha election banner

ईपीएफओ ने चालू वित्त वर्ष में ब्याज दर 8.65 फीसद बनाए रखने के लिए अंतर को पूरा करने के लिए इस महीने की शुरुआत में 2,886 करोड़ रुपये के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) बेच चुका है। ईपीएफओ ने 2016-17 के लिए 8.65 फीसद ब्याज दर की घोषणा की थी। यह 2015-16 में 8.8 फीसद थी। सूत्रों का कहना है कि ईपीएफओ ने 1,054 करोड़ रुपये पर 16 फीसद रिटर्न कमाया है। यह चालू वित्त वर्ष में अंशधारकों को 8.65 फीसद ब्याज देने के लिए पर्याप्त है। ईपीएफओ अगस्त, 2015 से ईटीएफ में निवेश कर रहा है।

ईपीएफओ अब तक ईटीएफ में 44,000 करोड़ रुपये का निवेश कर चुका है। अब तक संगठन ने इस निवेश से कोई लाभ नहीं निकाला है। चालू वित्त वर्ष के आय अनुमान के बाद ईटीएफ बेचने का फैसला किया गया। बैठक के एजेंडे में चालू वित्त वर्ष के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर निर्धारण का प्रस्ताव भी शामिल है।

ईपीएफ पर ब्याज दरें पीएफ फंड के निवेश से मिलने वाले रिटर्न के आधार पर तय होती हैं। बीते कुछ वर्षों के दौरान सरकारी प्रतिभूतियों पर रिटर्न लगातार घट रहा है। सरकार 2015 में खरीदे गए ईपीएफओ के कुछ शेयर्स को भी बेचने की योजना बना रही है ताकि ब्याज दर को 8.65 फीसद पर स्थिर रखा जा सके।मैच्योरिटी से पहले निकाल सकेंगे पीपीएफ के पैसे

सरकार छोटी बचत योजनाओं में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। आने वाले दिनों में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) खातों को मैच्योरिटी से पहले बंद करने की सुविधा देने पर विचार हो रहा है। इसके अलावा अवयस्कों के नाम से छोटी बचत योजनाओं में खाते खोलने की भी अनुमति दी जा सकती है। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

मंत्रालय ने बताया कि वित्त विधेयक 2018 में छोटी बचत योजनाओं को सरल बनाने के उद्देश्य से बदलाव प्रस्तावित हैं। मंत्रालय ने उन खबरों का खंडन किया है, जिनमें पीपीएफ खातों पर मिलने वाले फायदे खत्म होने का दावा किया गया है। मंत्रालय के मुताबिक, जमाकर्ताओं को मिलने वाली कोई भी सुविधा नहीं छीनी जाएगी। बदलावों के बाद उन्हें कुछ अतिरिक्त सुविधाएं भी मिल सकेंगी।

सरकार गवर्नमेंट सेविंग्स सर्टिफिकेट्स एक्ट, 1959 और पब्लिक प्रोविडेंट फंड एक्ट, 1968 को गवर्नमेंट सेंविंग्स बैंक्स एक्ट, 1873 में समाहित करने की तैयारी में है। मंत्रालय ने कहा कि प्रस्ताव का मुख्य लक्ष्य एक ऐसा कानून बनाना है, जिससे जमाकर्ताओं के लिए प्रक्रिया को आसान बनाया जा सके। उन्हें अलग-अलग योजनाओं के लिए अलग-अलग नियमों और कानूनों से नहीं गुजरना पड़े।

मंत्रालय का कहना है कि मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालने की यह सुविधा मेडिकल इमरजेंसी और उच्च शिक्षा के लिए अचानक पड़ने वाली जरूरतों में खाताधारक के लिए मददगार होगी। इसके अलावा यह प्रस्ताव भी किया गया है कि अभिभावक अवयस्कों के नाम पर छोटी बचत योजनाओं में खाता खुलवाकर पैसा जमा करा सकेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.