Move to Jagran APP

EPFO ऐसे करता है आपकी Pension का कैलकुलेेशन, जा‍निए आपको कब और कितनी मिलेगी पेंशन

यदि आपने अपने EPF में पांच साल का योगदान पूरा नहीं किया है तो अपने EPF को नए नियोक्ता को ट्रांसफर करना उचित होगा।

By NiteshEdited By: Published: Tue, 21 Apr 2020 10:54 AM (IST)Updated: Tue, 21 Apr 2020 06:55 PM (IST)
EPFO ऐसे करता है आपकी Pension का कैलकुलेेशन, जा‍निए आपको कब और कितनी मिलेगी पेंशन
EPFO ऐसे करता है आपकी Pension का कैलकुलेेशन, जा‍निए आपको कब और कितनी मिलेगी पेंशन

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। प्राइवेट जॉब में नौकरी बदलना एक आम बात है। कुछ लोग ज्यादा सैलरी के लिए नौकरी बदलते हैं, जबकि अन्य लोग बेहतर नौकरी प्रोफाइल या दोनों चीजों को पाने के लिए नौकरी बदलते हैं। नौकरी बदलते वक्त अक्सर ये सवाल सभी के मन में रहता है कि 'क्या मैं अपना पीएफ निकाल पाऊंगा या नए नियोक्ता को ट्रांसफर कर पाऊंगा?' आयकर नियमों के तहत अगर आपने अपने पूरे रोजगार कार्यकाल के दौरान अपने EPF में पांच साल का योगदान पूरा कर लिया है, तो पीएफ का पैसा निकालने पर यह धारा 10 (12) के टैक्स फ्री होगा।

loksabha election banner

यदि आपने अपने EPF में पांच साल का योगदान पूरा नहीं किया है, तो अपने EPF को नए नियोक्ता को ट्रांसफर करना उचित होगा।

EPFO पेंशन की गणना कैसे की जाती है

मासिक पेंशन = (पेंशन योग्य वेतन x पेंशन योग्य सेवा) / 70

ऐसे लोग जो 16 नवंबर, 1995 के बाद नौकरी से जुड़े हैं, पेंशनभोगी वेतन की गणना ईपीएस की सदस्यता से बाहर निकलने से पहले पिछले साठ महीनों में सेवा की अंशदायी अवधि के दौरान लिए गए औसत मासिक वेतन के रूप में की जाती है। यहां अधिकतम पेंशन योग्य वेतन प्रति माह 15,000 रुपये तक सीमित है।

ईपीएस फंड में योगदान की अवधि के आधार पर एक योग्य सदस्य की पेंशन योग्य सेवा की गणना की जाती है। यदि कोई सदस्य 58 वर्ष की आयु पूरी करने पर रिटायर होता है और 20 वर्ष या उससे अधिक का समय पूरा कर लेता है, तो उसे पेंशन सेवा के रूप में दो बोनस वर्ष मिलेंगे। जैसे एक सदस्य ने 58 वर्ष की आयु पूरी करने की तिथि पर 22 वर्षों के लिए अपने ईपीएस खाते में योगदान दिया है। उनकी पेंशन योग्य सेवा इस मामले में 24 वर्ष (22 प्लस दो बोनस वर्ष) के रूप में गणना की जाएगी।

उपरोक्त उदाहरण में यदि पिछले पांच वर्षों की सेवा में औसत मासिक वेतन 1 लाख रुपये था, तो उनकी मासिक पेंशन 5,142 रुपये (15,000 x 24/70 रुपये) होगी। इसलिए एक्सपर्ट ऐसी सलाह देते हैं कि नौकरी बदलते समय अपने ईपीएफ के पैसे को न निकालें।

आपको अपना EPF क्यों नहीं निकालना चाहि

वेल्थ प्लानर्स का कहना है कि नौकरी बदलते समय कभी भी अपना EPF का पैसा नहीं निकालना चाहिए। जब आप नौकरी बदलते हैं तो अपने EPF के साथ-साथ कर्मचारियों की पेंशन योजना (ईपीएस) का पैसा ट्रांसफर करना सही होता है। 

एक ईपीएस सदस्य अपने खाते में योगदान के 10 साल पूरे होने पर और 58 साल की उम्र के रिटायरमेंट की आयु पूरी करने के बाद पेंशन के लिए पात्र हो जाता है। अगर कोई व्यक्ति 58 वर्ष की आयु पूरी करने से पहले रिटायर हो जाता है, लेकिन 10 साल तक उसका योगदान है तो वह भी ईपीएस के तहत पेंशन के लिए पात्र हो जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.